सावन पूर्णिमा पर आज सपरिवार झूला झूलेंगे काशीपुराधिपति, विश्वनाथ मंदिर में सावन के अंतिम दिन विशेष झांकी

बाबा को प्रिय मास सावन की अंतिम तिथि पूर्णिमा पर रविवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में काशीपुराधिपति सपरिवार भक्तों को दर्शन देंगे। गर्भगृह में माता गौरा व पुत्र गणेश के साथ झूले पर विराजेंगे। हरियाली श्रृंगार कर झुलनोत्सव का आयोजन किया जाता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 22 Aug 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sun, 22 Aug 2021 06:10 AM (IST)
सावन पूर्णिमा पर आज सपरिवार झूला झूलेंगे काशीपुराधिपति,  विश्वनाथ मंदिर में सावन के अंतिम दिन विशेष झांकी
सावन की अंतिम तिथि पूर्णिमा पर रविवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में काशीपुराधिपति सपरिवार भक्तों को दर्शन देंगे

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बाबा को प्रिय मास सावन की अंतिम तिथि पूर्णिमा पर रविवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में काशीपुराधिपति सपरिवार भक्तों को दर्शन देंगे। गर्भगृह में माता गौरा व पुत्र गणेश के साथ झूले पर विराजेंगे। सप्तर्षि आरती के बाद गर्भगृह में पंचवदन प्रतिमा की झूला झांकी सजाई जाएगी। सावन मास की परंपरानुसार प्रत्येक सोमवार को महादेव का का अलग-अलग रूप में श्रृंगार किया जाता है।

इसी क्रम में रविवार को शिव-पार्वती और गणेश जी की चल प्रतिमाओं का झूला श्रृंगार सप्तर्षि आरती के बाद किया जाता है। परंपरानुसार महंत आवास से पंचवदन प्रतिमा और झूला विश्वनाथ मंदिर लाया जाता है। श्रावण मास पूर्णिमा पर मंदिर के गर्भगृह में महंत परिवार द्वारा हरियाली श्रृंगार कर झुलनोत्सव का आयोजन किया जाता है। इसमें बाबा की पंचवदन प्रतिमा जिसमें माता पार्वती व गोद में पुत्र गणेश के साथ झूला पर बिठाकर विशेष आरती की जाती है।

झूलनोत्सव की पूर्व संध्या पर हुआ बाबा का कजरी उत्सव

श्रावण पूर्णिमा पर बाबा काशी विश्वनाथ के झूलनोत्सव की पूर्व संध्या पर बाबा के कजरी उत्सव का आयोजन टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर किया गया। कजरी से पहले बाबा की पंचवदन प्रतिमा का पारंपरिक रूप से शृंगार किया गया। पद्मविभूषण गिरिजा देवी के शिष्य रोहित-राहुल मिश्र के शिष्यों द्वारा बाबा के कजरी और बाबा के भजन गाए गए। झूला धीरे से झुलाऊं महादेव...,गंगा किनारे पढ़ा हिंडोल..., डमरूवाले औघड़दानी..., झिर झिर बरसे सावन रस बूंदिया..., कहनवा मानो ओ गौरा रानी..., जय जय हे शिव परम पराक्रम..., तुम बिन शंकर...से विभोर किया। आराधना मिश्रा, पूजा राय अथर्व मिश्र, तरुण सिंह, सत्यम पटेल, सूरज प्रसाद ने भी स्वर दिए।

महंत डा. कुलपति तिवारी ने बताया कि रविवार को टेढ़ीनीम स्थित आवास पर बाबा विश्वनाथ की रजत पंचवदन प्रतिमा का विधि-विधान पूर्वक पूजन के बाद सिंहासन पर विराजमान कर साक्षी विनायक, ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते विश्वनाथ मंदिर तक ले जायाजाएगा। इस दौरान बाबा का विग्रह श्वेत वस्त्र से ढंका रहेगा। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में झूलनोत्सव शाम 5.30 बजे के बाद आरंभ होगा। दीक्षित मंत्र से पूजन के बाद सर्वप्रथम महंत डा. कुलपति तिवारी बाबा को झूला झुलाएंगे। इसके उपरांत सप्तर्षि आरती कराने वाले महंत परिवार के सदस्य और फिर श्रद्धालु भी झूला झुलासकेंगे। बाबा के झूले की डोर थामने की आज्ञा सिर्फ उन्हीं भक्तों को होगी जो बिना सिला हुआ वस्त्र धारण किए रहेंगे।

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