Kartik Poornima 2020 : कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ संयोग के बीच गंगा में पुण्‍य की डुबकी

Kartik Poornima 2020 कार्तिक पूर्णिमा पर पुण्‍य की डुबकी लगाने के आस्‍थावानों का रेला सुबह से ही गंगा तट पर काशी में उमड़ा तो प्रमुख गंगा घाटों पर स्‍नान ध्‍यान और दान पुण्‍य के साथ मंदिरों में दर्शन पूजन का दौर कपाट खुलते ही शुरू हो गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 07:52 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 12:19 PM (IST)
Kartik Poornima 2020 : कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ संयोग के बीच गंगा में पुण्‍य की डुबकी
स्‍नान ध्‍यान और दान पुण्‍य के साथ मंदिरों में दर्शन पूजन का दौर कपाट खुलते ही शुरू हो गया।

वाराणसी, जेएनएन। कार्तिक पूर्णिमा पर पुण्‍य की डुबकी लगाने के आस्‍थावानों का रेला सुबह से ही गंगा तट पर काशी में उमड़ा तो प्रमुख गंगा घाटों पर स्‍नान ध्‍यान और दान पुण्‍य के साथ मंदिरों में दर्शन पूजन का दौर कपाट खुलते ही शुरू हो गया। सुबह काशी में दशाश्‍वमेध और शीतला घाट के साथ ही गंगा गोमती संगम स्‍थली पर भी पुण्‍य की कामना से आस्‍थावाानों ने डुबकी लगाई और जरूरतमंदों में अन्‍न धन और वस्‍त्र आदि दान किया।

वाराणसी के अलावा मीरजापुर, भदोही, गाजीपुर, चंदौली और बलिया में जहां गंगा में पुण्‍य की डुबकी आस्‍थावानों ने लगाई वहीं मऊ, आजमगढ़ और बलिया जिले में पुण्‍य सलिला सरयू में डुबकी लगाकर उगते सूर्य को अर्घ्‍य देकर पुण्‍य और अखंड सौभाग्‍य की कामना की। वर्ष के आखिरी पुण्‍यकाल के दिन कार्तिक पूर्णिमा पर आस्‍थावानों का रेला पूर्वांचल के प्रमुख नदियों पर भी उमड़ा और लोगों ने स्‍नान दान के साथ प्रमुख मंदिरों में दर्शन पूजन की परंपरा का भी निर्वहन किया। 

 

कार्तिक पूर्णिमा का मान

इस बार कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर, सोमवार को पड़ रही है और भगवान शिव काे सोमवार का दिन प्‍यारा है। यह कार्तिक मास का आखिरी दिन होने की वजह से स्नान और दान के लिहाज से हिंदू धर्म की मान्‍यता में यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। सर्वार्थसिद्धि योग के साथ ही वर्धमान योग इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन हैं। इस बार यह दो प्रमुख शुभ संयोग इस कार्तिक पूर्णिमा को पुण्‍य के लिहाज सेे भी और भी खास बना रहे हैं। 

पूर्वांचल में आस्‍था का रेला

गाजीपुर के खानपुर में कार्तिक पूर्णिमा के स्वर्णिम प्रभात में मोक्षदायिनी गंगा और आदि गंगा गोमती के तट पर श्रद्धालुओं ने प्रातः स्नान किया। बड़ी संख्या में महिलाओं ने दीपदान कर देव दीपावली पर्व को प्रकाशपर्व के रूप में मनाया। वहीं भदोही में गोपीगंज के रामपुर गंगा घाट पर श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने पहुंचे। चंदौली जिले में कार्तिक पूर्णिमा पर बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनी मां भागीरथी गंगा तट पर हजारोंं श्रद्धालुओंं ने लगाई आस्था की डुबकी। क्षेत्र के बलुआ, टांडा, कांवर, तिरगावा, हसनपुर, नादी निधौरा, सहेपुर भोर से ही स्नान दान  और मंदिरों में पूजा-अर्चना का सिलसिला शुरू रहा जो दिन चढ़ने तक अनवरत बरकरार रहा।  

रामेश्वर वरुणा घाट पर आस्‍था भरी डुबकी

कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व पर रामेश्वर वरुणा घाट पर सैकड़ों श्रद्धालुओ ने वरुणा में पुण्य की डुबकी लगाई और मन्दिरोंं में पूजा दर्शन किया। पुजारी अन्नू तिवारी के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहा जाता है। इसी दिन गुरुनानक देव जी का जन्म हुआ था जिसके कारण इस तिथि को प्रकाश पर्व के रूप में भी जाना जाता है। इस पर्व पर दान -पुण्य करने का विधान है। पर्व पर प्रातः से श्रद्धालुओं का आना जाना शुरू हो गया था। माला -फूल सहित अन्य सामग्रियों की दुकानें सजी रही। सुरक्षा की दृष्टि से रामेश्वर पुलिस चौकी के पुलिस बल की तैनाती रही। स्थानीय गोताखोर भी मुस्तैद रहे। 

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के बाद तुलसी माता की विदाई

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शीतला चौकियां में सोमवार भोर महिलाओ नें स्नान आदि के पश्चात तुलसी माता की विदाई की। महिलाओं नें तुलसी के पौधे पर सिंदूर लगाते हुए हलवा पूरी का चढ़ावा चढ़ाया। चुनरी ओढाते हुए धूप, अगरबत्ती दिखाकर पूजन अर्चन के पश्चात पारम्परिक रुप से तुलसी माता की विदाई की। एकादशी के दिन तुलसी विवाह के पांच दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर विदाई करते हुए महिलाओंं ने धन धान्य तथा सुहागिन बने रहने और पुत्र प्रप्ति की कामना की। 

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