खरमास के दौरान राहु-केतु की वजह से कालसर्प योग, 12 राशियों पर भी इसका व्यापक प्रभाव
भारतीय ज्योतिष परंपरा में सूर्य ग्रह की महिमा अपरंपार मानी गई है। ज्योतिष की गणना के अनुसार मेष राशि सेे मीन राशि तक सूर्य ग्रह प्रत्येक मास अपनी राशि बदलते हैं जिसका व्यापक प्रभाव पूरे विश्व में देखने को मिलता है।
वाराणसी, जेएनएन। भारतीय ज्योतिष परंपरा में सूर्य ग्रह की महिमा अपरंपार मानी गई है। ज्योतिष की गणना के अनुसार मेष राशि सेे मीन राशि तक सूर्य ग्रह प्रत्येक मास अपनी राशि बदलते हैं जिसका व्यापक प्रभाव पूरे विश्व में देखने को मिलता है। सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही 14 मार्च रविवार से खरमास प्रारंभ हो गया है। ज्योतिषाचार्य विमल जैन के अनुसार सूर्य ग्रह के कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करते ही खरमास प्रारंभ हो गया है। इस अवधि में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खरमास में मांगलिक कार्य संपन्न नहीं होते। जबकि धार्मिक कृत्य विधि विधान पूर्वक संपन्न होते रहेंगे। विवाह, ग्रह प्रवेश, नव प्रतिष्ठान या व्यवसाय, वधू प्रवेश, मुंडन, उपनयन संस्कार, प्रतिमा प्रतिष्ठापन, नव निर्माण आदि सभी कार्य खरमास की समाप्ति तक प्रतिबंधित रहते हैं।
इस बार बृहस्पति एवं शुक्र ग्रह के बाल वृद्धत्व दोष होने के कारण पहले से ही मांगलिक कार्य प्रतिबंधित हैं। सूर्य ग्रहण कुंभ से मीन राशि में 14 मार्च रविवार को शाम 6:04 से 13 अप्रैल मंगलवार को 24:00 के बाद 2:33 तक रहेंगे। इस संक्रांति में समस्त ग्रह राहु-केतु के अंतर्गत आने के फलस्वरूप कालसर्प योग बनेगा। केतु वृश्चिक राशि में, शनि गुरु मकर राशि में, बुध शुक्र कुंभ राशि में, सूर्य चंद्रमा मीन राशि में, राहु मंगल वृषभ राशि में विराजमान हैंं। ग्रह योगों के फल स्वरुप विश्व पटल पर अनेकानेक परिवर्तन देखने को मिलेंगे। राजनीतिक उथल-पुथल देश-विदेश के राजनीतिक घटनाक्रम में अचानक तेजी से नए स्वरूप हुआ गतिविधियां देखने को मिलेंगे।
शेयर, वायदा, धातु बाजार में विशेष हलचल देखने को मिलेगी। दैविक आपदाएं जल-थल-वायु दुर्घटनाओं का प्रकोप तथा कहीं-कहीं पर आगजनी की आशंका बनी रहेगी। कई मुद्दे को लेकर जन आंदोलन में मुखर होगा। कई देशों में सत्ता परिवर्तन हुआ पक्ष विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेंगे। मौसम में भी अजीबोगरीब परिवर्तन होगा। धार्मिक पक्ष को लेकर एक-दूसरे पर छींटाकशी करेंगे। दैविक आपदाएं भी प्रभावी रहेंगी। आर्थिक व राजनीतिक घोटाले भी शासक प्रशासक पक्ष के लिए सिरदर्द बनेंगे। ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि ग्रह गोचर के अनुसार 12 राशियों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।