कैफी आजमी ने आधुनिक उर्दू शायरी में बनाया खास स्थान, जयंती पर अाजमगढ़ में हुआ आयोजन

विकास भवन के शास्त्री सभागार में गुरुवार को राष्ट्रीय एकीकरण समिति के तत्वावधान में मशहूर शायर कैफी आजमी को उनकी 102वीं जयंती पर याद किया गया। समिति के सचिव सीडीओ आनंद कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में कार्यक्रम का शुभारंभ कैफी आजमी की चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ हुआ।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 04:43 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 04:43 PM (IST)
कैफी आजमी ने आधुनिक उर्दू शायरी में बनाया खास स्थान, जयंती पर अाजमगढ़ में हुआ आयोजन
मशहूर शायर कैफी आजमी को उनकी 102वीं जयंती पर याद किया गया।

आजमगढ़, जेएनएन। विकास भवन के शास्त्री सभागार में गुरुवार को राष्ट्रीय एकीकरण समिति के तत्वावधान में मशहूर शायर कैफी आजमी को उनकी 102वीं जयंती पर याद किया गया। समिति के सचिव सीडीओ आनंद कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में कार्यक्रम का शुभारंभ कैफी आजमी की चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ हुआ। इस मौके पर कैफी आजमी के जीवन पर बनी डाक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई। शिब्ली कालेज के एमए के छात्र संदीप, महताब, कन्हैयालाल, शिब्ली कालेज के अलाउद्दीन ने कैफी आजमी के गीत व नज्म प्रस्तुति किए।

सीडीओ आनंद कुमार शुक्ला ने कहा कि कैफी आजमी ने आधुनिक उर्दू शायरी में अपना एक खास स्थान बनाया है। उनकी नज्मों और गजलों के चार संग्रह है, जिसमें झंकार, आखिरे-शब, आवारा सिंजदे एवं इब्लीस की मजलिसे शुरा है। वे बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। शायर, गीतकार, नाटककार, फिल्मकार कहानी के साथ कैफी मजदूर सभा ट्रेड यूनियन में कार्य करते हुए कम्युनिस्ट पार्टी के एक कुशल संगठनकर्ता थे। उनकी राष्ट्रीय सोच वतर्मान समय में समाज में सामाजिक एकता, भाई-चारा व सद्भाव को प्रदर्शित करती है। डा. रङ्क्षवद्र नाथ राय ने कहा कि कैफी साहब की शायरी व गीत श्रृंगार से हटकर समाज के निचले तबके का दुख-दर्द शामिल है। उनके गीतों में गांव-गिरांव और खेत-खलिहान का भाव शामिल रहा। शिब्ली कालेज के मौलाना उमैर सिद्दीक नदवी ने कहा कि फिल्म के व्यवसाय से हटकर कैफी आजमी की गरीबों व मजलूमों के प्रति दार्शनिक भावना आज भी प्रासंगिक है। डीडीओ रविशंकर राय ने कहाकि कैफी के गांव में स्थापित मेजवां वेलफेसर सोसायटी को महिलाओं सहित अन्य लोगों को स्वालंबी बना रही है, जो काबिले तारीफ है। डीपीआरओ लालजी दूबे, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हवलदार यादव ने भी विचार व्यक्त किया। संचालन प्रभुनारायण पांडेय प्रेमी व डीडीओ रविशंकर राय ने धनयवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर मेजवां वेलफेसर सोसायटी के डिप्टी मैनेजर आशुतोष त्रिपाठी, जयकिशन पांडेय, डा. हरेराम यादव, इंद्रासन सिंह, माहताब, सामाजिक कार्यकर्ता अनीस सहित  जिला एकीकरण समिति के सदस्य एवं जिले के गणमान्य व्यक्ति थे।

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