वाराणसी में पदयात्रा के साथ कबीरचौरा महोत्सव आरंभ, संत कबीरदास का निर्वाण-दिवस 24 फरवरी को
महान संत के निर्वाण दिवस पर होने वाले तीन दिवसीय कबीरचौरा महोत्सव का शुभारंभ भी इसी के साथ हो गया। महोत्सव के निमित्त जागरूकता फैलाने को निकली इस पदयात्रा में शामिल संत-साधकों की टोली उनके साधना-स्थल कबीरचौरा स्थित मूलगादी पीठ से चलकर प्राकटय-स्थल लहरतारा तक गई।
वाराणसी, जेएनएन। Sant Kabirdas झक सफेद कपड़ों में, साधना, शांति व ज्ञान के प्रतीक श्वेत ध्वज को हाथों में धारण किए कबीरमार्गी साधकों की टोली जब सोमवार को महानगर की सड़कों पर निकली तो यहीं की माटी में लगभग सात सौ साल पूर्व जन्मे फक्कड़ संत, साधना के शिखर पर पहुंचे कबीरदास को याद कर लोग नतमस्तक हो उठे। महान संत के निर्वाण दिवस पर होने वाले तीन दिवसीय 'कबीरचौरा महोत्सव का शुभारंभ भी इसी के साथ हो गया। महोत्सव के निमित्त जागरूकता फैलाने को निकली इस पदयात्रा में शामिल संत-साधकों की टोली उनके साधना-स्थल कबीरचौरा स्थित मूलगादी पीठ से चलकर प्राकटय-स्थल लहरतारा तक गई। वहां सबने उनकी स्मृतियों को नमन किया।
प्राकट्य-स्थल पर पहुंचने पर यात्रा का स्वागत गोविंद दास शास्त्री प्रबंधक लहरतारा पीठ ने किया। पीठ पर पहुंचने के बाद मूलगादी पीठ के महंत आचार्य विवेक दास ने भक्त समुदाय को संबोधित किया। कबीर के जीवन-दर्शन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने निराकार ब्रह्म की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संत प्रवर की यह स्थली उनके अनुयायियों के लिए तीर्थ समान है, इसलिए इस स्थल के संपूर्ण विकास के लिए वे कृतसंकल्पित हैं। इसी के विकास के लिए निर्वाण-दिवस के पूर्व यह यात्रा निकाली गयी।
यात्रा में राजस्थान, पंजाब, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, बिहार के सैकड़ों भक्त शामिल रहे। भक्तों ने लहरतारा में भजन, सत्संग, प्रवचन के बाद प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान रामदास शास्त्री, डा.भागीरथी, लखनमुनि, प्रमोद दास, श्याम बाबू, देवेंद्र दास आदि उपस्थित थे।
चार वर्षों से होता आ रहा आयोजन : यात्रा का संचालन कर रहे पीठ से जुड़े साधक व सामाजिक कार्यकर्ता डा. रवींद्र सहाय ने बताया कि ज्ञानमार्र्गी शाखा के प्रमुख कवि महान साधक संत कबीरदास के निर्वाण दिवस की स्मृति में विगत चार वर्षों से यह कबीर पदयात्रा और कबीरचौरा महोत्सव आयोजित हो रहे हैं। मंगलवार को खुली पेंटिग प्रतियोगिता, भजन, भक्ति-संगीत आदि संपन्न होंगे। 24 फरवरी को निर्वाण-दिवस के अवसर पर प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा।