Jaunpur के निवासी हैं बाबरी मस्जिद ढांचा विध्वंस की सुनवाई करने वाले जज एसके यादव

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को हुए ढांचा विध्वंस मामले की रोजाना सुनवाई की जा रही थी। उक्त मामले की सुनवाई करने वाले सीबीआइ की विशेष न्यायालय के जज सुरेंद्र कुमार यादव शाहगंज क्षेत्र के ग्राम पक्खनपुर सुरिस के मूल निवासी हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 01:00 AM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 09:30 AM (IST)
Jaunpur के निवासी हैं बाबरी मस्जिद ढांचा विध्वंस की सुनवाई करने वाले जज एसके यादव
जौनपुर के पक्खनपुर गांव स्थित आवास में बैठीं सीबीआइ के जज सुरेद्र यादव की मां उर्मिला देवी। -जागरण

जौनपुर, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को हुए ढांचा विध्वंस मामले की रोजाना सुनवाई की जा रही थी। उक्त मामले की सुनवाई करने वाले सीबीआइ की विशेष न्यायालय के जज सुरेंद्र कुमार यादव शाहगंज क्षेत्र के ग्राम पक्खनपुर सुरिस के मूल निवासी हैं। इस ऐतिहासिक मामले का निर्णय आने के बाद जागरण प्रतिनिधि ने उनके पैतृक आवास पर जाकर उनके स्वजनों से मुलाकात की। घर पर मौजूद उनकी मां सूरजा देवी ने इस मामले में किसी जानकारी से अनभिज्ञता जताई। जब उन्हें प्रकरण के बारे में बताया गया तो बेटे को आशीर्वाद देते हुए प्रसन्नता जताई।

सुरेंद्र कुमार यादव सन 1989-90 में दीवानी न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार यादव के साथ वकालत भी किए थे। यह जानकारी देते हुए स्वर्गीय एडवोकेट वीरेंद्र यादव के मुंशी राम मिलन ने बताया कि आठ जून 1990 में सुरेंद्र कुमार यादव एडिशनल मुंसिफ फैजाबाद बने। 8 जून 2005 को सीजेएम लखनऊ तथा 24 सितंबर 2005 को अपर जिला जज फैजाबाद बने। 25 अगस्त 2015 से 25 नवंबर 2018 तक अयोध्या प्रकरण के लिए स्पेशल जज के रूप में लखनऊ में नियुक्त हुए। 25 नवंबर 2018 को लखनऊ के जिला जज बने। 30 सितंबर 2019 को सेवानिवृत्त हुए। एक वर्ष के लिए अयोध्या प्रकरण की सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश बनाए गए। उनके ऐतिहासिक फैसले को लेकर दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओं ने हर्ष जताया। कहा कि जिले के निवासी जज ने इतने बड़े मामले में लखनऊ में फैसला सुनाया। यह जनपद के लिए गर्व की बात है।

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