जौनपुर के सब इंस्‍पेक्‍टर घनश्‍याम शुक्‍ल को 2021 का 'अन्वेषण में उत्कृष्टता के लिये गृहमंत्री का पदक'

जौनपुर जिले के सब इंस्‍पेक्‍टर घनश्‍याम शुक्‍ल को उत्‍तर प्रदेश से इस पुरस्‍कार के लिए चुना गया है। उन्‍होंने कम समय में नाबालिग के दुष्‍कर्म और हत्‍या का राजफाश कर आरोपित को मृत्‍युदंड की सजा दिलाने में विशेष पहल की।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 02:41 PM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 03:14 PM (IST)
जौनपुर के सब इंस्‍पेक्‍टर घनश्‍याम शुक्‍ल को 2021 का 'अन्वेषण में उत्कृष्टता के लिये गृहमंत्री का पदक'
जौनपुर जिले के सब इंस्‍पेक्‍टर घनश्‍याम शुक्‍ल को 2021 का मिलेगा अन्वेषण में उत्कृष्टता के लिये गृहमंत्री का पदक ।

जौनपुर, जेएनएन। वर्ष 2021 के लिये 152 पुलिसकर्मियों को 'अन्वेषण में उत्कृष्टता के लिये गृहमंत्री का पदक' प्रदान किया गया है। इस पदक की स्थापना वर्ष 2018 में की गई थी और इसका उद्देश्य अपराधों की जांच में उच्च प्रोफेशनल मानकों को प्रोत्साहित करना तथा उत्कृष्ट अन्वेषण करने वाले जांच अधिकारी की मेहनत को पहचान देना था। इस बार जौनपुर जिले के सब इंस्‍पेक्‍टर घनश्‍याम शुक्‍ल को उत्‍तर प्रदेश से इस पुरस्‍कार के लिए चुना गया है। उन्‍होंने कम समय में नाबालिग के दुष्‍कर्म और हत्‍या का राजफाश कर आरोपित को मृत्‍युदंड की सजा दिलाने में विशेष पहल की। उनके योगदान की वजह से ही आरोपित की शिनाख्‍त हुई और वह कानून के शिकंजे में आ सका था।

देश में कई पुलिसकर्मी होंगे सम्‍मानित : इस बार इन पदकों को प्राप्त करने वालों में से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के 15 पुलिसकर्मी, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र पुलिस के 11-11 पुलिसकर्मी, उत्‍तर प्रदेश के 10 पुलिसकर्मी, केरल और राजस्थान के नौ- नौ पुलिसकर्मी, तमिलनाडु के आठ पुलिसकर्मी, बिहार के सात पुलिसकर्मी और छह- छह, गुजरात, कर्नाटक और दिल्ली पुलिस के लोग शामिल हैं। शेष पुलिसकर्मी अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से शामिल किए गए हैं। पदक प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मियों में से 28 महिला पुलिसकर्मी भी हैं।

यह था मामला :  जौनपुर जिले के मड़ियाहूं थाना क्षेत्र में अगस्त 2020 में नाबालिक लड़की की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आरोपित खानाबदोश था। जो वारदात को अंजाम देने के बाद भागकर चंदौली चला गया था। घटना के तीन माह बाद ही गवाहों को खोजने और विवेचना कर आरोपित को पकड़े जाने के बाद उसको जौनपुर कोर्ट से मृत्यु दंड की सजा हुई थी। विवेचना की जिम्मेदारी घनश्याम शुक्ला की ही थी। इस मामले में पुलिस की सक्रियता से न सिर्फ आरोपित पकड़ा गया बल्कि उसे कड़ी विवेचना की वजह से फांसी की सजा भी दी गई। 

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