जौनपुर में आनलाइन आवेदन नहीं तो वृक्षों को काटने की अनुमति भी नहीं,आच्छादित क्षेत्रों में 17 फीसद इजाफा

अब पेड़ों को काटने की अनुमति आनलाइन लेनी होगी। इसके पहले भी पेड़ों को काटने के लिए अनुमति ली जाती थी लेकिन उसका कोई रिकार्ड नहीं रहता था। ऐसे में बड़े पैमाने पर अवैध ढंग से पेड़ों को काट दिया जाता था जो अब नहीं हो सकेगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 06:30 AM (IST)
जौनपुर में आनलाइन आवेदन नहीं तो वृक्षों को काटने की अनुमति भी नहीं,आच्छादित क्षेत्रों में 17 फीसद इजाफा
वाराणसी में अब पेड़ों को काटने की अनुमति आनलाइन लेनी होगी।

जौनपुर, जेएनएन। पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से अब पेड़ों को काटने की अनुमति आनलाइन लेनी होगी। इसके पहले भी पेड़ों को काटने के लिए अनुमति ली जाती थी, लेकिन उसका कोई रिकार्ड नहीं रहता था। ऐसे में बड़े पैमाने पर अवैध ढंग से पेड़ों को काट दिया जाता था, जो अब नहीं हो सकेगा। पेड़ों की कटाई से न सिर्फ पर्यावरण प्रभावित हो रहा है, बल्कि आम लोगों के जनजीवन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसके पहले पेड़ों की कटाई को लेकर नियम इतना सख्त नहीं था, जिसमें अब बदलाव कर दिया गया है। 

पांच वर्षों में छह हजार काटे गए पेड़

विकास कार्यों के लिहाज से गत पांच वर्षोँ में छह हजार पेड़ काट दिए गए। जिस तेजी से पेड़ काटे गए उतनी संख्या में पौधे रोपे नहीं जा सके। यही वजह है कि सड़कों के किनारे अब पेड़ों की संख्या बेहद कम हो गई है। नगर क्षेत्र में भी पेड़ों की संख्या न के बराबर है। गोमती किनारे पौधारोपण की योजना दो वर्ष बाद भी सफल नहीं हो सकी।

17 फीसद हुआ इजाफा  

तमाम चुनौतियों के बीच जिले में वृक्ष आच्छादित क्षेत्र में 17 फीसद इजाफा हुआ है। इतना ही नहीं आम लोगों के जीवन में जहर घोल रहे प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए वन विभाग की ओर से जुलाई माह में वृहद पौधारोपण किया जाएगा। 

सभी आवेदन पहुंचेंगे डीएफओ के पास

तमाम रेंज अधिकारियों के पास कंम्प्यूटर नहीं है। साथ ही लोग भी आनलाइन प्रक्रिया को लेकर अनजान हैं। ऐसे में सभी आवेदन डीएफओ के पास पहुंचेंगे और वहीं से अनुमति पत्र भी जारी होगी।

बोले अधिकारी

शुरुआत में इस प्रक्रिया को लेकर तकनीकी दिक्कत आ रही थी, जिसमें अब सुधार कर लिया गया है। बिना अनुमति पेड़ काटने पर दस हजार रुपये तक का जुर्माना है। आनलाइन प्रक्रिया होने से पेड़ों की कटान की जानकारी भी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। -जीसी त्रिपाठी, डीएफओ। 

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