आइटीआइ के प्रयोगात्मक और प्राविधिक कला की परीक्षा में हीलाहवाली, कहां लगी ड्यूटी पता ही नहीं

करीब दर्जन भर अध्यापकों को 15 व 16 सितम्बर को पता चला कि उनकी ड्यूटी लगी है जबकि परीक्षा 18 सितम्बर को ही समाप्त भी हो जाएगी। ऐसे में परीक्षा कितनी सुचितापूर्ण हो रही है और इसके पीछे का क्या खेल है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 07:10 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 07:10 AM (IST)
आइटीआइ के प्रयोगात्मक और प्राविधिक कला की परीक्षा में हीलाहवाली, कहां लगी ड्यूटी पता ही नहीं
करीब दर्जन भर अध्यापकों को 15 व 16 सितम्बर को पता चला कि उनकी ड्यूटी लगी है,

गाजीपुर, जागरण संवाददाता। जिले में 13 सितम्बर से कुल 170 केंद्रों पर चल रही आइटीआइ की प्रयोगात्मक और प्राविधिक कला की परीक्षा के लिए ड्यूटी में लगाए करीब दर्जन भर अध्यापकों को 15 व 16 सितम्बर को पता चला कि उनकी ड्यूटी लगी है, जबकि परीक्षा 18 सितम्बर को ही समाप्त भी हो जाएगी। ऐसे में परीक्षा कितनी सुचितापूर्ण हो रही है और इसके पीछे का क्या खेल है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

जिले के 170 केंद्रों पर आइटीआइ प्रथम, द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर के सभी ट्रेडो की 13 सितम्बर से परीक्षा चल रही है। इसमें 170 लोगों को कार्यपालक मजिस्ट्रेट बनाया गया था, जिसमें 49 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के हैं। शेष 121 जिले के विभिन्न प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय के सहायक अध्यापकों की ड्यूटी लगी है। जिलाधिकारी ने 10 सितम्बर को सभी की ड्यूटी लगाते हुए एक पत्र जारी किया। मजे की बात तो यह है कि सहायक अध्यापकों की ड्यूटी लग गई और उन्हें पता ही नहीं चला। 15 व 16 सितम्बर को शिक्षकों के ग्रुप में ड्यूटी की पीडीएफ फाइल पड़ी तो लोगों को पता चला। परीक्षा किस विषय का कितने बजे से होनी है इसकी किसी को जानकारी ही नहीं हुई। इसके बाद अध्यापक दिए गए नम्बर पर संपर्क करना शुरू किए। बहुत से अध्यापकों को बताया गया कि उनके यहां कोई परीक्षा ही नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि जब परीक्षा ही नहीं है तो केंद्र कैसे बन गया।

केस 1- पखनपुरा प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक सैयद सैफुद्दीन की ड्यूटी बुद्धा प्राइवेट आइटीआइ मनिया मिर्जाबाद में लगी है। इन्होंने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप पर ड्यूटी का जो पत्र मिला था, उस पर टाइम टेबल नहीं था और किसी ने कुछ बताया भी नहीं। 15 सितम्बर की रात हमने ग्रुप पर डीएम साहब का ड्यूटी पत्र देखा।

केस 2--प्राथमिक विद्यालय गहमर दक्षिण के सहायक अध्यापक की ड्यूटी कामाख्या प्राइवेट आइटीआइ सेवराई भदौरा में लगी थी। उन्होंने बताया कि ड्यूटी लगने की जानकारी हुई तो, हमने काल किया था तो आइटीआइ से बताया गया कि उनके यहां पेपर है ही नहीं। एक-दो का बैक पेपर है, जिसे हम अंतिम सत्र में ले लेंगे।

केस 3- प्राथमिक विद्यालय देवकली प्रथम के सहायक अध्यापक की ड्यूटी केएस नेशनल प्राइवेट आइटीआइ में ड्यूटी लगी थी। उन्होंने बताया कि ड्यूटी की जानकारी हुई तो हमने काल कर पूछा कि कब परीक्षा है, ताकि मैं पहले पहुंच जाऊं, लेकिन हमें बताया गया कि यहां कोई परीक्षा है ही नहीं।

बोले डीएम- यदि ऐसा है तो यह बेहद ही गंभीर मामला है। जानकारी न दिए जाने के लिए आइटीआइ के प्रिंसिपल दोषी माने जाएंगे। इसकी जांच कराकर कठोर कार्रवाई की जाएगी। -डा. मंगला प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी।

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