टेस्ट पास कराने के नाम पर 1500 से 2000 रुपये रेट, पास खड़ा दलाल करता है इशारा

चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल के परिवहन कार्यालय में बिना दलाल के ड्राइविंग लाइसेंस बनना आसमान से तारे तोडऩे के बराबर है।

By Vandana SinghEdited By: Publish:Mon, 27 May 2019 03:03 PM (IST) Updated:Tue, 28 May 2019 10:47 PM (IST)
टेस्ट पास कराने के नाम पर 1500 से 2000 रुपये रेट, पास खड़ा दलाल करता है इशारा
टेस्ट पास कराने के नाम पर 1500 से 2000 रुपये रेट, पास खड़ा दलाल करता है इशारा

वाराणसी, [जेपी पांडेय]। शासन के लाख कोशिश के बावजूद परिवहन विभाग की ऑनलाइन व्यवस्था दलालों के शिकंजे में जकड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के परिवहन कार्यालय में दलाल सक्रिय है तो अन्य जिलों की बात ही निराली है। इनकी सक्रियता का आलम यह है कि परिवहन कार्यालय में हर काम के लिए दलालों की जरूरत पड़ती है। चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल के परिवहन कार्यालय में बिना दलाल के ड्राइविंग लाइसेंस बनना आसमान से तारे तोडऩे के बराबर है। इतना ही नहीं, डीएल आवेदन के नाम पर दलाल अभ्यर्थी से 100 रुपये लेते हैं और टेस्ट में पास कराने का कोई रेट नहीं है। 1500 से 2000 रुपये सामान्य बात है।

परिवहन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने ज्यादातर कामों को ऑनलाइन कर दिया है। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का ठेका एक निजी एजेंसी को दे रखा है। अभ्यर्थी के ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उसे टेस्ट देना पड़ता है लेकिन एजेंसी कर्मी परिवहन अधिकारियों की मिलीभगत से उसे पास करने की बजाय फेल कर देते हैं। यदि अभ्यर्थी ने किसी दलाल को पकड़ा है तो उसे पास होना तय हैं। पास में खड़ा दलाल कर्मचारियों को इशारा कर देता है कि अभ्यर्थी मेरे साथ है। अभ्यर्थी से लिए गए राशि में दलाल अपने पास कितना रखता और कर्मचारी को कितना देता है वह दोनों के बीच पहले से तय हैं।

नियम नहीं रखता है मायने

अभ्यर्थी को परिवहन विभाग के वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। आवेदन के दौरान आवेदक को एक निर्धारित तिथि पर टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। निर्धारित तिथि पर अभ्यर्थी नहीं पहुंचा तो उसे नियम कानून का हवाला देते हुए परेशान किया जाता है। इसके लिए भी अभ्यर्थी से सौदेबाजी की जाती है।

नहीं बैठता है कोई अफसर

परिवहन विभाग में अभ्यर्थी का डीएल प्राविधिक निरीक्षक (आरआइ) पास करता है लेकिन चौकाघाट कार्यालय पर वे कब आते और चले जाते हैं किसी को मालूम नहीं है। पूछने पर कहते हैं कि 12 बजे तक मेरे बैठने का समय है, इसके बाद बाबतपुर कार्यालय बैठता हूं। इसके बाद किसकी जिम्मेदारी है मालूम नहीं।

डीएल की नौ सेवाएं ऑनलाइन

परिवहन विभाग के ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े नौ तरह की सुविधाएं दी जा रही है। इनमें लर्निंग, परमानेंट, डुब्लीकेट, नवीनीकरण, डीएल पर दर्ज पता बदलवाना, दो पहिया डीएल को चार पहिया में बदलवाना, डीएल खराब होने पर बदलवाना, इंटरनेशनल डीएल की अनुमति लेना, परिचालक डीएल बनवाना शामिल हैं।

एआरटीओ के कंप्यूटर का पासवर्ड दलालों के पास 

आपको सुनकर अटपटा जरूर लगेगा लेकिन सच्चाई है। प्रदेश के ज्यादातर परिवहन अधिकारियों के कंप्यूटर का पासवार्ड नंबर दलाल जानते हैं। पिछले दिनों गाजीपुर के एक एआरटीओ पूना में ट्रेनिंग कर रहे थे और कार्यालय से कई डीएल उनके कंप्यूटर से पास हो गया। जांच रिपोर्ट प्रमुख सचिव परिवहन के पास पड़ी है।

गलत फीस कटने पर रिफंड नहीं

परिवहन कार्यालय में डीएल के लिए ऑनलाइन फीस कटने पर उसे रिफंड करने की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं रेलवे में ऑनलाइन के तहत एक सप्ताह में आवेदक के बैंक खाते में चला जाता है। यहां अभ्यर्थी का पैसा डूब जाता है।

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