जानलेवा हो रहा मनोरंजन, मोबाइल पर बात करने वाले 135 के लाइसेंस निलंबित
वाराणसी में अक्सर सड़क पर चलते समय या गाड़ी ड्राइव करते वक्त मोबाइल पर गाने सुनते हैं जो जानलेवा साबित हो सकता है।
वाराणसी, जेएनएन। आमतौर पर सड़क पर चलते समय सबसे ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है, लेकिन अमूमन सड़क पर ही सभी गैर जरूरी काम करते हैं। सभी तरह के तनाव से लेकर मनोरंजन करना भी शामिल हैं। मोबाइल का जमाना आया है तबसे मोबाइल पर बात करते समय गाड़ी चलाना या कानों में ईयरफोन लगाकर मनोरंजन करना आम बात हो गई है।
ईयरफोन या मोबाइल से नुकसान : दुर्घटना के मुफीद कारणों में से एक। आसपास के वाहनों से भटकता है ध्यान। नहीं सुनाई देते दूसरे वाहनों के हार्न। अचानक वाहन के सामने आने पर काम नहीं करता दिमाग। खो सकता है वाहन पर से नियंत्रण। तेज संगीत ले सकता है जान : कई बार कार में तेज संगीत बजाना महंगा पड़ जाता है, इससे चालक को आसपास वाहनों की आवाज नहीं सुनाई देती है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार कई बार कार चलाते समय तेज आवाज संगीत गाड़ी की रफ्तार पर भी असर डालता है।
सह यात्रियों संग बातचीत से भटकता है ध्यान : साथ चल रहे यात्रियों से बातचीत सड़क पर फोकस डालने से भटकाती है। ऐसा करने से न सिर्फ दुर्घटना को बढ़ावा देते हैं बल्कि बहकावे या भड़काने पर गाड़ी की रफ्तार के साथ जानलेवा खेल खेलते हैं।
हर साल मोबाइल लेता है 21000 जानें : केंद्रीय सड़क एवं परिवहन विभाग के आंकड़ों की मानें तो हर साल मोबाइल और ईयरफोन के इस्तेमाल के चलते 21000 से अधिक जानें दुर्घटना में चली जाती हैं। इसमें सबसे ज्यादा मौत उत्तर प्रदेश में होती है। यहां हर घंटे करीब 17 लोग मोबाइल या ईयरफोन के चलते मौत के मुंह में समा जाते हैं।
बनारस में दुर्घटना के कई हाट स्पाट : शहर में सड़क दुर्घटनाओं को यातायात विभाग द्वारा चिंह्नित किए गए हैं। इनमें लेढ़ुपुर, तरना, सातोमहुआ, हरहुआ, रूपापुर, मोहाव, कैंट, रमईपुर, डिग्गी बार्डर, पिंडरा, उमरहां, अमरा, अखरी, नारायणपुर, भीटी बाइपास, फत्तेपुर मोड़, गजापुर, टेंगरा मोड़, सिंधौरा, कठिरांव और मुनारी प्रमुख हैं।
रडार पर चालक : एएसपी यातायात सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने वालों के खिलाफ नियमित कार्रवाई की जाती है। बीते तीन माह के दौरान ऐसे 135 चालकों के लाइसेंस निलंबित किए जा चुके हैं।