शैल इको मैराथन प्रतियोगिता में आइआटी-बीएचयू का दबदबा कायम, इलेक्ट्रो प्रोटोटाइप कार ने पकड़ी रिकार्ड रफ्तार

आइआइटी-बीएचयू के छात्रों की टीम अवरेरा ने बंगलुरु स्थित शैल टेक्टनोलॉजी सेंटर में गतदिनों आयोजित शैल इको मैराथन (इंडिया)-19 में जबर्दस्त प्रदर्शन किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 03 Dec 2019 03:16 PM (IST) Updated:Tue, 03 Dec 2019 03:16 PM (IST)
शैल इको मैराथन प्रतियोगिता में आइआटी-बीएचयू का दबदबा कायम, इलेक्ट्रो प्रोटोटाइप कार ने पकड़ी रिकार्ड रफ्तार
शैल इको मैराथन प्रतियोगिता में आइआटी-बीएचयू का दबदबा कायम, इलेक्ट्रो प्रोटोटाइप कार ने पकड़ी रिकार्ड रफ्तार

वाराणसी, जेएनएन। आइआइटी-बीएचयू के छात्रों की टीम अवरेरा ने बंगलुरु स्थित शैल टेक्टनोलॉजी सेंटर में गतदिनों आयोजित शैल इको मैराथन (इंडिया)-19 में जबर्दस्त प्रदर्शन किया। टीम ने दो श्रेणियों में प्रथम पुरस्कार जीते। संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने सोमवार को टीम से मुलाकात की और शैल इको मैराथन प्रतियोगिता से प्राप्त 5.5 लाख रुपये का चेक प्रदान किया।

टीम अवरेरा जून 2020 में सिपांग इंटरनेशनल सर्किट, मलेशिया में होने वाली प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। इसके लिए संस्थान निदेशक ने टीम को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। बैंगलोर में आयोजित प्रतियोगिता में संस्थान के छात्रों की टीम अवरेरा द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक प्रोटोटाइप कार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। बिजली से चलने वाली इस कार ने एक किलोवॉट/ऑवर की उर्जा से 387.9 किलोमीटर की दूरी की क्षमता का प्रदर्शन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया। इसके लिए विजेता टीम को तीन लाख रूपये का चेक देकर सम्मानित किया गया। वहीं, इसी टीम को उच्च तकनीकी नवाचार के ऑफट्रैक अवार्ड 'टेक्निकल इनोवेशन अवार्ड के लिए ढाई लाख रूपये का भी चेक प्रदान किया गया। संस्थान के छात्रों के टीम में पांचवें वर्ष से सोमेश सुनील जायसवाल, चतुर्थ वर्ष से हिंमाशु साहू, सौरभ पटेल, रायला कार्तिक, अभ्युदय वर्मा, रिद्धी घोष, तृतीय वर्ष से तन्मय गोयल, स्नेहल, शशांक कुमार, रिषभ सिंह, अभय अग्रवाल, शुभम यादव शामिल रहे। टीम के अनुसार जून 2020 में होने वाली प्रतियोगिता के लिए अब एक नई डिजाइन की कार 'अर्बन कन्सेप्ट व्हीकल निर्मित की जाएगी, जो हाइड्रोजन फ्यूल सेल से संचालित होगी।

टीम अवरेरा के प्रमुख मेंटर और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अस्सिटेंट प्रोफेसर डा. अमितेश कुमार ने बताया कि शैल इको मैराथन ऐसी प्रतियोगिता है जिसमें उच्च उर्जा कुशल वाहनों का निर्माण और परीक्षण की चुनौती देती है। इसमें सबसे कुशल टीम को विजेता घोषित किया जाता है। टीम मेंटर डा. हीरा लाल प्रामाणिक, डा. श्याम कमल, डा. संदीप घोष और डिजाइन इनोवेशन सेंटर के समन्वयक प्रो. नीरज शर्मा का भी टीम की उपलब्धि में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

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