दिव्यांगजनों के लिए वाराणसी में स्थापित होगा समेकित क्षेत्रीय केंद्र, पांच एकड़ भूमि पर केंद्र होगा स्थापित
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने काशी में दिव्यांगजनों को व्यापक पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने व कौशल विकास के लिए समेकित क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना की पहल की है। जिला प्रशासन को तत्काल पांच एकड़ भूमि मुहैया कराने का निर्देश भी दिया है ताकि समय से इसकी स्थापना हो सके।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने काशी में दिव्यांगजनों को व्यापक पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने व कौशल विकास के लिए समेकित क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना की पहल की है। इस बाबत जिला प्रशासन को तत्काल पांच एकड़ भूमि मुहैया कराने का निर्देश भी दिया है, ताकि समय से इसकी स्थापना हो सके।
लखनऊ व गोरखपुर के बाद उत्तर प्रदेश का यह तीसरा केंद्र होगा। इस केंद्र पर दिव्यांगों को कौशल विकास में दक्ष किया जाएगा। दिव्यांगों को जरूरी सहायक उपकरण भी समय-समय पर मुहैया कराएं जाएंगे। इसके अलावा व्यावसायिक कई पाठ्यक्रम भी यहां संचालित होंगे ताकि दिव्यांग स्वरोजगार से जुड़कर आमदनी कर सकें तथा अन्य को रोजगार भी दे सकें। इसके अलावा दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं से जोडऩे की दिशा में यह केंद्र अहम भूमिका निभाएगा।
वाराणसी मंडल के दिव्यांगजन होंगे लाभान्वित
इस केंद्र पर सिर्फ वाराणसी ही नहीं मंडल के अन्य जिले चंदौली, गाजीपुर व जौनपुर के दिव्यांगजन भी लाभान्वित होंगे। इनकी संख्या लगभग एक लाख बतायी जा रही है।
रिसर्च संस्थान के रूप में कार्य करेगा केंद्र
समेकित क्षेत्रीय केंद्र रिसर्च संस्थान के रूप में कार्य करेगा। संस्थान में दिव्यांगों को सामान्य लोगों की तरह ङ्क्षजदगी गुजर-बसर करने की दिशा में आ रही अड़चनों को लेकर रिसर्च यानी शोध भी होंगे, ताकि इनकी ङ्क्षजदगी को सामान्य बनाया जा सके।
तहसील प्रशासन को पत्र लिखकर सिफारिश की गई है
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के निर्देश पर जमीन तत्काल उपलब्ध कराने के लिए तहसील प्रशासन को पत्र लिखकर सिफारिश की गई है। उम्मीद है शीघ्र जमीन मिल जाएगी। चिरईगांव ब्लाक के जाल्हूपुर को पहली प्राथमिकता में रखा गया है क्योंकि इसी स्थल पर समेकित विद्यालय की भी स्थापना होनी है। दोनों केंद्र पास में रहेंगे तो दिव्यांगजनों को खास फायदे होंगे।
राजेश कुमार मिश्र, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी