जांच के दायरे में शिक्षामित्र व अनुदेशक भी, प्रथम चरण में 2004 से 2019 तक के अभिलेखों का सत्यापन

वाराणसी अब जांच के दायरे में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को भी शामिल कर लिया गया है। 2004 से 2019 तक नियुक्त शिक्षकों के समस्त अभिलेखों का दोबारा सत्यापन कराया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 10:27 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 12:22 AM (IST)
जांच के दायरे में शिक्षामित्र व अनुदेशक भी, प्रथम चरण में 2004 से 2019 तक के अभिलेखों का सत्यापन
जांच के दायरे में शिक्षामित्र व अनुदेशक भी, प्रथम चरण में 2004 से 2019 तक के अभिलेखों का सत्यापन

वाराणसी, जेएनएन। अनियमित तरीके से फर्जी डिग्री पर नियुक्त होने वाले शिक्षकों पर गाज गिरनी तय है। बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त अध्यापकों की नए सिरे से जांच करा रहा है। अब जांच के दायरे में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को भी शामिल कर लिया गया है।

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की तथाकथित शिक्षिका अनामिका शुक्ला के नियुक्ति प्रकरण के बाद शासन प्राथमिक से लगायत विश्वविद्यालय तक के शिक्षकों के अंकपत्र, प्रमाणपत्र व चयन प्रक्रिया की नए सिरे से जांच करा रहा है। इसके लिए शासन ने अलग-अलग समिति भी गठित कर दी है। हालांकि इसमें परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्र व अनुदेशक को शामिल नहीं किया गया था। अब उन्हेंं भी शामिल कर लिया गया है। जनपद में करीब 1100 शिक्षामित्र व 400 अनुदेशक नियुक्त हैं। इसके अलावा 6600 शिक्षक प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं। जांच के लिए इन शिक्षकों की सूची बनाने का काम भी शुरू हो गया है। इसके अलावा सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से मानव संपदा पोर्टल पर अपना डाटा अपडेट करने का निर्देश दिया गया है। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि वर्ष 2004 से 2019 तक नियुक्त शिक्षकों के समस्त शैक्षिक अभिलेखों का दोबारा सत्यापन कराया जाएगा। कहा कि इसके लिए विभिन्न चरणों में शिक्षकों को सारनाथ स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) बुलाने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2004 से अब तक जनपद में करीब 2300 शिक्षकों का चयन हुआ है। इनकी जांच पूरी होने के बाद वर्ष 2004 से पहले नियुक्त अध्यापकों के अभिलेखों की जांच कराई जाएगी। कहा कि एक पैन नंबर पर दो-दो जनपदों में वेतन उठाने वाले शिक्षकों के खिलाफ शासन ने एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रही अध्यापिका पर मुकदमा

फर्जी प्रमाण पत्र पर अध्यापिका के पद पर कार्यरत ममता सिंह के खिलाफ शुक्रवार को खंड शिक्षाधिकारी की तहरीर पर कपसेठी थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल की थी। ममता सिंह ने आंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड कर सोनभद्र में सहायक अध्यापिका के पद पर नियुक्त के बाद वहां से स्थानांतरण कराकर सिरीहिरा प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त हैं। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि प्रमाण पत्रों की जांच हुई तो पता चला की ममता सिंह फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रही थीं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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