वाराणसी में सरदार पटेल की जीवन यात्रा पर अभिलेख और छायाचित्र प्रदर्शनी का किया गया आयोजन
वाराणसी में आजादी का अमृत महोत्सव और चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती के उपलक्ष्य पर लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई क्षेत्रीय अभिलेखागार द्वारा लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय रामनगर में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। वाराणसी में आजादी का अमृत महोत्सव और चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती के उपलक्ष्य पर लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय, क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई, क्षेत्रीय अभिलेखागार द्वारा लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय रामनगर में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शनी 31 अक्टूबर 2021 को सरदार पटेल के जन्म दिवस तक आम जन के अवलोकनार्थ चलेगी। प्रदर्शनी का उद्घाटन नलिनीकांत सिंह अपर जिलाधिकारी, नागरिक आपूर्ति द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। प्रदर्शनी मुख्यतः दो भागों में विभाजित की गई थी।
अभिलेख प्रदर्शनी
इसके अंतर्गत सरदार पटेल से संबंधित अभिलेखों को प्रस्तुत किया गया, जिसमे सरदार पटेल के जीवन की विशिष्ट घटनाओं को क्रमवार प्रस्तुत किया गया। सत्याग्रह समाचार पत्र में सरदार पटेल से संबंधित अखबार की प्रतियां भी प्रदर्शनी का हिस्सा बनी। प्रदर्शनी का आकर्षण बनारस राज्य के भारत में शामिल होने पर सरदार पटेल जी द्वारा दिया गया संदेश और भारतीय सरकार द्वारा काशी राज्य के विलय की सूचना रही।
छाया चित्र
प्रदर्शनी के द्वितीय भाग में सरदार पटेल की जीवन यात्रा को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इसके अंतर्गत उनके जीवन काल से संबंधित छाया चित्रों को प्रस्तुत किया गया। इनमें उनके माता जी श्रीमती लाडबाई, पटेल जी के बली काल की छवि, भाई विट्ठल भाई पटेल, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के साथ के छाया चित्र प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही सरदार पटेल के कांग्रेस के चुनाव प्रचार, शिमला सम्मेलन, कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सम्मेलन, बॉम्बे म्युनिसिपल कारपोरेशन बॉम्बे, शिलॉन्ग सभा, पटना सभा में जनता को संबोधित करते हुए चित्रों ने लोगो का आकर्षण खींचा। संविधान सभा मे भाग लेते और राष्ट्रीय एकीकरण के अंतर्गत उनके द्वारा पटियाला, राजकोट, राजस्थान संघ, हैदराबाद निज़ाम को भारत संघ में मिलाने के क्रम में लिए गए छाया चित्रों ने उनके योगदान को स्वमेव प्रस्तुत किया। संविधान की मूलप्रति पर हस्ताक्षर करते हुए, कश्मीर मामले पर अपनी राय को अनुपालित करते हुए चित्रों को लोगों ने अपने मोबाइल में संकलित किया। इस अभिलेख एवं छाया चित्र प्रदर्शनी का संयोजन डॉ हरेन्द्र नारायण सिंह द्वारा किया गया।
इस क्रम में प्रदर्शनी के अंतिम दिन सरदार पटेल जयंती के अवसर पर दिनांक 31 अक्टूबर को आधुनिक भारत के निर्माण में सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका विषय पर परिचर्चा का आयोजन प्रस्तावित है।
इस अवसर पर डॉ अवधेश दीक्षित, अजीत यादव, शशिभान सिंह, कुमार आनंद पाल, पंच बहादुर, श्री मनोज कुमार, महेंद्र लाल, विनय, गणेश प्रसाद, प्रदीप कुमार, श्रीकृष्ण, उमेश जैन आदि लोगों ने कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत तथा सम्पूर्ण कार्यक्रम का निर्देशन डॉ सुभाष चंद्र यादव, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी, वाराणसी के द्वारा किया गया एवम धन्यवाद ज्ञापन डॉ हरेन्द्र नारायण सिंह के द्वारा किया गया।