भदोही में निर्दोष को मिला दंड : तीन साल में पूरी गृहस्थी उजड़ गई तो बच्चे हो गए अनाथ

भदोही केगोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के चकनिरंजन गांव में साजिश के शिकार हुए परिवार की जुबानी कहानी सुनकर कलेजा सिहर उठता है। तीन साल में पूरी गृहस्थी उजड़ गई तो बच्चे अनाथ हो गए। मुकदमे की पैरवी मेंथाली और लोटा के संग जेवर भी बिक गए तो जमीन गिरवी रख दी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 06:53 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 06:53 PM (IST)
भदोही में निर्दोष को मिला दंड : तीन साल में पूरी गृहस्थी उजड़ गई तो बच्चे हो गए अनाथ
तीन साल में पूरी गृहस्थी उजड़ गई तो बच्चे अनाथ हो गए।

भदोही, जेएनएन। गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के चकनिरंजन गांव में साजिश के शिकार हुए परिवार की जुबानी कहानी सुनकर कलेजा सिहर उठता है। तीन साल में पूरी गृहस्थी उजड़ गई तो बच्चे अनाथ हो गए। मुकदमे की पैरवी में घर की थाली और लोटा के साथ ही साथ जेवर भी बिक गए तो जमीन गिरवी रख दी। परिवार के लोग दाने- दाने के लिए मोहताज हो गए थे। दूधनाथ की पत्नी शकुंतला ने बताया कि मायके से लेकर ससुराल तक पूरी तरह बर्बाद हो गए थे। पूरी रात नींद नहीं आ रही थी। अधिवक्ताओं को फीस आदि में 10 लाख से अधिक खर्च हुए। अभी भी साहूकारों का कर्ज है, उन्हें प्रत्येक माह ब्याज देना पड़ता है। उसके दो भाइयों को अनावश्यक रूप से फंसा दिया गया। जब उसके पति जेल से बाहर आए तो कमा कर धीेरे-धीरे कर्ज चुका रहे हैं।  मुकदमा दर्ज करने के बाद जब वह घर छोड़कर चली गई तो उसके घर में उपली और राशन भी लोग उठा ले गए।

मामूली विवाद के बाद बनाई अपहरण की कहानी

दूधनाथ की पत्नी शकुंतला का कहना है कि वर्ष 2008 में दीपावली के पहले परिवार में कहासुनी हो गई थी। इसी से खुन्नस खाकर जोखन और उसके भाई बेचन ने अपहरण और हत्या की कहानी रची थी। अपहरण कर हत्या करने का आरोप लगाया था। हत्या साबित करने के लिए पाही पर किसी जानवर को मारकर 500 मीटर घसीटा भी था।

जोखन के बाद पत्नी निषा  भी हो गई थी गायब

पुलिस को 30 अक्टूबर 2008 को अपहरण की सूचना दी गई थी। कुछ दिन बाद जोखन की पत्नी निषा भी गायब हो गई थी। शकुंतला ने बताया कि जोखन को गायब होने के पहले तीन पुत्री और दो पुत्र थे। पांच साल बाद जब वह वापस आई तो मनीष और काजल दो और बच्चे लेकर घर आई थी। काजल और मनीष को देखकर आशंका गहरा गई। वह चोरी- छिपके गांव आता भी था और जरूरत पडऩे पर निषा भी जाती थी। वह कहां जाती थी इसकी जानकारी नहीं हो पाई थी। रात-रात जागरण कर जोखन के आने की इंतजार करती थी। बुधवार को भी तनिक सी चूक हुई होती तो वह निकल गया होता।

मनुष्य और जानवर की पहचान के लिए भेजा जाता है खून

किसी भी घटना के बाद जमीन पर गिरा खून का नमूना लिया जाता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब मौके पर घायल अथवा मृत व्यक्ति नहीं मिलता है। मिट्टी पर गिरा खून  जानवर का है अथवा मनुष्य का। इसलिए जांच के लिए लैब में भेजा जाता है। यदि मनुष्य के खून की पुष्टि हो जाती है तब घटना को  सही मान लिया जाता है।

तीन साल तक घुट-घुट कर जी रहे थे

तीन साल तक घुट-घुट कर जी रहे थे। बेगुनाह होने के बाद भी जेल भेज दिया गया था। दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पूरी ङ्क्षजदगी बर्बाद हो गई और परिवार सड़क पर आ गया।

- वंशराज तिवारी।

मामूली विवाद को लेकर इतना बड़ा मुद्दा बना दिया गया

घर में हुई मामूली विवाद को लेकर इतना बड़ा मुद्दा बना दिया गया। बहनोई के साथ उसके नाम पर अपहरण का झूठा केस दर्ज कराकर जेल भेज दिया गया। दो परिवार के लोग पूरी तरह बर्बाद हो गए।

- छोट्टन तिवारी।  

तीन साल में पूरी गृहस्थी उजड़ गई

मुझे कुछ भी पता नहीं था, पाही के पास जोखन के भाई बेचन ने हत्या को साबित करने के लिए खून भी दिखा दिया। पत्नी शकुंतला ने मुकदमा की पैरवी करती थी। कोई घर देखने वाला तक नहीं था। तीन साल में पूरी गृहस्थी उजड़ गई।

- दूधनाथ तिवारी।

जोखन ने बर्बाद करने की धमकी दी थी

घर में कहासुनी हुई थी। इसके बाद जोखन ने बर्बाद करने की धमकी दी थी। अपहरण और हत्या करने की साजिश कर मेरा और रिश्तेदार का परिवार तबाह हो गया। जेल से निकलने के बाद किसी तरह गृहस्थी को पटरी पर लाने की कोशिश में लगे हैं। झूठी शिकायत करने वालों को सजा मिलनी चाहिए।

- काशीनाथ तिवारी।

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