वाराणसी जेल में बंद युवक ही निकला मासूम का पिता, हाईकोर्ट के आदेश पर हुआ डीएनए परीक्षण
शारीरिक शोषण करने के आरोप में वाराणसी जेल में निरुद्ध युवक ही बच्चे का पिता निकला। हाईकोर्ट के आदेश पर डीएनए परीक्षण में इस बात की पुष्टि हुई है। युवक ने बच्चे को अपनी संतान मानने से इन्कार कर दिया था।
वाराणसी, जेएनएन। शारीरिक शोषण करने के आरोप में जेल में निरुद्ध युवक ही बच्चे का पिता निकला। हाईकोर्ट के आदेश पर डीएनए परीक्षण में इस बात की पुष्टि हुई है। युवक ने बच्चे को अपनी संतान मानने से इन्कार कर दिया था। डीएनए परीक्षण की रिपोर्ट मंगलवार को हाईकोर्ट में दाखिल की जाएगी।
बता दें कि मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के एक गांव की 20 वर्षीय युवती को उसके गांव का युवक अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। इसके बाद शादी का झांसा देकर युवक कई माह तक युवती का शारीरिक शोषण करता रहा। युवती गर्भवती हो गई। युवती जब शादी की बात करती तो युवक टाल-मटोल करने लगता। गत छह मई को युवती के पिता ने आरोपित सुजीत के खिलाफ दुष्कर्म व एससी/एसटी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद 18 जून को आरोपित ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। युवक के जेल जाने के बाद पीडि़ता मासूम की मां बन गई। उधर, युवक ने हाईकोर्ट में अपील कर दी कि उसे इस मामले में फंसाया गया है। बच्चा उसका नहीं है। इसकी सच्चाई जानने के लिए डीएनए परीक्षण कराया जाना जरूरी है। पीडि़ता ने भी अपने बयान में परीक्षण पर सहमति दे दी थी। गत चार जनवरी को जेल में बंद युवक को कोर्ट में लाने के साथ ही मासूम व उसकी मां का डीएनए परीक्षण के लिए ब्लड सैंपल लेकर लखनऊ स्थित लैब में भेजा गया था।
डीएनए परीक्षण में जेल में बंद सुजीत ही बच्चे का पिता निकला
थाना प्रभारी सुनीलदत्त दुबे ने बताया कि इसके निदान के लिए हुए डीएनए परीक्षण में जेल में बंद सुजीत ही बच्चे का पिता निकला है। परीक्षण रिपोर्ट को हाईकोर्ट में दाखिल करने के लिए एसआइ एसपी सिंह को प्रयागराज भेजा गया है।