सरकारी निर्माण कार्यों पर महंगाई बनी रोड़ा, वाराणसी में एक हजार से अधिक पीएम आवास लाभार्थी बनाने को नहीं आ रहे आगे

बालू सरिया गिट्टी सीमेंट के दाम बढ़ने के कारण सरकारी कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं । लाभार्थी निर्माण कार्य के लिए आगे नहीं आ रहे हैं । सरकारी महकमा परेशान है। दबाव पर लाभार्थियो निर्माण कार्य से हाथ खड़े कर दिए हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 21 Aug 2021 11:47 AM (IST) Updated:Sat, 21 Aug 2021 11:47 AM (IST)
सरकारी निर्माण कार्यों पर महंगाई बनी रोड़ा, वाराणसी में एक हजार से अधिक पीएम आवास लाभार्थी बनाने को नहीं आ रहे आगे
जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत सात हजार से अधिक आवास बनाये जाने हैं।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बालू, सरिया, गिट्टी, सीमेंट के दाम बढ़ने के कारण सरकारी कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं । लाभार्थी निर्माण कार्य के लिए आगे नहीं आ रहे हैं । सरकारी महकमा परेशान है। दबाव पर लाभार्थियो निर्माण कार्य से हाथ खड़े कर दिए हैं।

जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत सात हजार से अधिक आवास बनाये जाने हैं। पचास फीसद लोगों ने किसी तरह से आवास बनवा लिया शेष बनवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। लाभार्थियो का कहना है कि सरकार से एक लाख 20 हजार रुपये मिल रहे है। बाजार में गिट्टी दस हजार रुपये ट्राली मिल रही है। सीमेंट 400 रुपये बोरी, बालू सात हजार रुपये ट्राली मिल रही है। मजदूरी दो गुना हो गया है। इतनी राशि मे आवास बनवाना संभव नहीं है। कुछ यही हाल व्यक्तिगत व सामुदायिक शौचालय के साथ भी है। हालांकि सामुदायिक शोचालय का निर्माण पंचायत को कराना है लेकिन व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण लाभार्थी को स्वयं कराना है।

खाते में धनराशि बनी फजीहत

पीएम आवास व व्यक्तिगत शोचालय योजना में धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते में जाती है। तीन किस्तो में धनराशि भेजने का प्रावधान है। कुछ लाभार्थी पहली किस्त ही दबाकर बैठ गए हैं तो कुछ दूसरी तो कुछ तीसरी। अधिकारियों का कहना है कि पहले राशि पंचायत के खाते में जाती थी तो दबाव बनाकर कार्य करा लिया जाता था, अब लाभार्थी के खाते में धनराशि होने के कारण दबाव बनाना मुश्किल हो रहा है।

सैकड़ों को नोटिस

पंचायत विभाग से सैकड़ों लाभार्थी को नोटिस दिया गया है। लाभार्थियो ने नोटिस का जवाब नहीं दिया , न ही अफसरों को कार्रवाई की हिम्मत हो रही है। कुछ लाभार्थी तो यहां तक कह रहे हैं कि पैसा ले लीजिए, आवास बनवाकर दीजिए। अधिकारी इस बात पर चुप्पी साध ली रहे हैं ।

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