औद्योगिक विकास मंत्री का मऊ दौरा 12 जून को, पूर्वांचल में रोजगार के मिलेंगे अवसर

कोविड काल में प्रदेश के पिछड़े इलाके पूर्वांचल को बड़ी सौगात मिलने वाली है। जहां देश के सबसे लंबे 340 किलोमीटर वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर चलने का सपना साकार होने वाला है वहीं औद्योगिक विकास को भी बल मिलने वाला है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 06:05 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 06:05 PM (IST)
औद्योगिक विकास मंत्री का मऊ दौरा 12 जून को, पूर्वांचल में रोजगार के मिलेंगे अवसर
कोविड काल में प्रदेश के पिछड़े इलाके पूर्वांचल को बड़ी सौगात मिलने वाली है।

मऊ, जेएनएन। कोविड काल में प्रदेश के पिछड़े इलाके पूर्वांचल को बड़ी सौगात मिलने वाली है। जहां देश के सबसे लंबे 340 किलोमीटर वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर चलने का सपना साकार होने वाला है, वहीं औद्योगिक विकास को भी बल मिलने वाला है। प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना शनिवार को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का दौरा करेंगे। उनका हेलीकाप्टर एक्सप्रेस-वे के पैकेज सात पर मुहम्मदाबाद गोहना-चिरैयाकोट मार्ग के निकट उतरेगा। यहां से कैबिनेट मंत्री वाया कार एक्सप्रेस-वे के अंतिम छोर गाजीपुर जनपद के हैदरिया तक जाएंगे। इस दौरान वे जहां पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर वाया कार चलकर इसके गुणवत्ता व मानकों का निरीक्षण करेंगे, वहीं एक्सप्रेस-वे के किनारे स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयों के लिए जिलाधिकारी से वार्ता कर फीडबैक लेंगे। कैबिनेट मंत्री पैकेज आठ गाजीपुर की सीमा में एक्सप्रेस-वे के किनारे पौधारोपण भी करेंगे।

उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के प्रगति एवं विकास के लिए प्रदेश सरकार ने लखनऊ, बाराबंकी, सुल्तानपुर, आंबेडकर नगर, अमेठी और अयोध्या के अतिरिक्त पूर्वांचल के पिछड़े जिलों में शुमार आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोड़ने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रारंभ किया। एक्सप्रेस-वे छह लेन का बनाया जा रहा है। भविष्य में इसे आठ लेन में परिवर्तित किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे निर्माण के से जहां प्रदेश की राजधानी की दूरी मात्र लगभग चार घंटे में तय हो जाएगी, वहीं एक्सप्रेस-वे के किनारे कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और अन्य औद्योगिक विकास को भी काफी प्रोत्साहन मिलेगा। एक्सप्रेस-वे के नजदीकी क्षेत्रों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शैक्षिक संस्थान, स्वास्थ्य संस्थान, नए शहर और विभिन्न वाणिज्यिक केंद्रों को स्थापित किया जा सकता है। इसके फलस्वरूप कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर और बढ़ जाएंगे। इसके अतिरिक्त प्रदेश के आर्थिक/सामाजिक विकास को भी काफी हद तक प्रोत्साहन मिलेगा। शनिवार को औद्योगिक मंत्री के निरीक्षण से औद्योगिक विकास के मायने निकाले जा रहे है।

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