PM Narendra Modi के वाराणसी दौरे पर इंद्रदेव की भी नजर, चक्रवात निवार का 'असर' पूर्वांचल तक
मौसम एक बार फिर पीएम के आगमन पर सुरक्षा एजेंसियों के साथ जिला प्रशासन की परीक्षा ले सकता है। पूर्व में भी पीएम नरेंंद्र मोदी का दौरा बारिश की वजह से रद हो चुका है तो उनके आगमन पर बारिश व्यवस्था में खलल डाल चुकी है।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देव दीपावली पर 30 नवंंबर को बनारस आ रहे हैं। इस दिन मिर्जामुराद के खजुरी गांव में उनकी जनसभा प्रस्तावित है। इसमें 10,000 लोगों के जुटने की संभावना है। तैयारी को लेकर भाजपा संगठन की ओर से मंगलवार को मंडल स्तर की बैठक हो रही है। वहीं विस क्षेत्रवार लोगों को न्योता भी बांटा जाएगा। जनसभा में शिरकत करने वाले लोगों को मास्क पहनना व सैनिटाइजर लाना बाध्य किया गया है। इसके अलावा जनसभा में बैठने का इंतजाम दो गज की दूरी के आधार पर किया जा रहा है।
हालांकि, इन सब तैयारियों के बीच वाराणसी में बादलों और बारिश की सक्रियता भी होने की उम्मीद अब बंध रही है। ऐसे में मौसम एक बार फिर पीएम के आगमन पर सुरक्षा एजेंसियों के साथ जिला प्रशासन की परीक्षा ले सकता है। पूर्व में भी पीएम नरेंंद्र मोदी का दौरा बारिश की वजह से रद हो चुका है तो उनके आगमन पर बारिश व्यवस्था में कई मौकोंं पर खलल भी डाल चुकी है। देव दीपावली 30 नवंबर को है और उसी दिन पीएम काे भी वाराणसी आना है ऐसे में चक्रवात का असर बरकरार रहा और पुरवा हवाओं का दौर बना रहा तो बारिश और बादलों का दौर पीएम के दौरे में बाधा बन सकता है।
मौसम विभाग ने हालांकि वाराणसी के लिए बारिश के आसार तो नहीं जताए हैं लेकिन बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब के कारण भीषण चक्रवात निवार के 25 नवंबर को तमिलनाडु तट से टकराने की आशंका के बीच 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। जिसका असर पूर्वांचल तक आने की संभावना बनी हुई है। इस समय बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवातीय बादल सैटेलाइट तस्वीरों में उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और झारखंड तक पहुंच चुके हैं। बारिश जोरदार नहीं होने के बाद भी बादलों की आवाजाही और रिमझिम बरसात की उम्मीद मौसम विज्ञानी जता रहे हैं। वहीं निवार चक्रवात समुद्र से जमीन पर टकराने के बाद कमजोर भी हो जाएगा।
भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) की ओर से जारी एक बुलेटिन के अनुसार बंगाल की खाड़ी में दक्षिण पश्चिम तथा दक्षिण पूर्व में बना निम्न दाब सोमवार को 11.30 बजे पुडुचेरी से 520 किलोमीटर पूर्व- दक्षिणपूर्व तथा चेन्नई से 560 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में स्थित था और यह 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ रहा है। अगले 24 घंटे में इसके और तीव्र होकर चक्रवात में बदलने की पूरी संभावना है। यह तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से 25 नवंबर को दोपहर करईकाल तथा मामल्लापुरम के बीच 100-110 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से टकरा सकता है। चक्रवात के असर से तमिलनाडु और पुडुचेरी में जहां 24 से 26 नवंबर तक भारी बारिश हो सकती है वहीं इसका असर उत्तर भारत तक भी आ सकता है। इस समय बादल छत्तीसगढ़ और झारखंड तक बादलों का असर पहुंच सकता है।