Vindhyachal से निर्धारित होता है इंडियन स्टैंडर्ड टाइम, विंध्य क्षेत्र का धार्मिक महत्व भी कम नहीं
वर्ष 2007 में भूगोल विदों के एक दल ने विंध्याचल के अमरावती चौराहे के पास स्थित स्थल को मानक समय के स्थल को चिह्नित किया था। सटीक भौगोलिक स्थिति के खोजकर्ता एसपीएसीई (साइज पाल्युराइजेशन एसोसिएशन आफ कम्यूनिकेट्स एंड एजूकेशन) हैं।
मीरजापुर, जागरण संवाददाता। भारत का मानक समय (इंडियन स्टैंडर्ड टाइम) जनपद के विंध्याचल से ही लिया जाता है। यह स्थान भारत की प्रधान मध्याह्न रेखा 82.5 पूर्वी देशांतर पर स्थित है। वर्ष 2007 में भूगोल विदों के एक दल ने विंध्याचल के अमरावती चौराहे के पास स्थित स्थल को मानक समय के स्थल को चिह्नित किया था। सटीक भौगोलिक स्थिति के खोजकर्ता एसपीएसीई (साइज पाल्युराइजेशन एसोसिएशन आफ कम्यूनिकेट्स एंड एजूकेशन) हैं।
नवरात्र में त्रिकोण करने का है विशेष महत्व : त्रिकोण पूज्यस्थली विंध्याचल साधकों के लिए परम पावन सिद्धपीठ तपोभूमि है। पर्यटकों के लिए प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर विंध्य क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास है। अनूठे प्राकृतिक सौंदर्य आसमान को छूते पहाड़, छोटे-छोटे झरनों की प्यारी-प्यारी फुआर, रोमांचित करने वाले जल प्रपात तथा गुफा के पत्थरों पर बने भित्ति चित्र के इतिहास को समेटे विंध्य क्षेत्र गाथाओं से परिपूर्ण है। भौगोलिक दृष्टि से विंध्याचल संपूर्ण देश का मध्य बिंदु है। विंध्य पर्वत के ईशान कोण विंध्य क्षेत्र में ही माना जाता है। इस कोण पर आदि शक्ति मां विंध्यवासिनी विराजमान है। मान्यता है कि त्रेता युग में लंका के राजा रावण भी अपनी ज्योतिष गणित की गणना के लिए विंध्याचल की शरण में आते थे। तब से अब तक विंध्य की धरा स्थित अमरावती चौराहे के पास का स्थल भारत के मानक समय को प्रभावित कर रहा है।
जिला प्रशासन ने सुंदरीकरण करते हुए स्थल के महत्व को बताने के लिए बोर्ड लगवा दिया। बोर्ड पर सूर्य एवं पृथ्वी की दूरी तथा व्यास आदि सहित भारतीय आध्यात्मिक जगत में इस स्थान के महत्व की जानकारी दी गई है। विंध्य मंडल की स्थापना 14 जून 1997 को हुई थी। इसमें मीरजापुर, सोनभद्र व संत रविदास नगर भदोही है। मंडल का क्षेत्रफल 10498.9 वर्ग किलोमीटर है। मीरजापुर जनपद 4368 वर्ग मील क्षेत्र में फैला है। वर्ष 1830 में मीरजापुर जिला बनने के समय महज तीन तहसील मीरजापुर, चुनार और कुचासा थे। भदोही उस समय एक परगना था। वहीं कुचासा तहसील 1854 में तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर के नाम पर राबर्ट्सगंज हो गया।