बढ़ा तापमान गेहूं की फसल को पहुंचा रहा नुकसान, हवा चली तो और होगा नुकसान
इन दिनों तापमान बढ़ गया है। सामान्य की अपेक्षा 4 से 5 डिग्री सेल्सियस से अधिक पारा उछाल मार रहा है। ऐसे में रबी की मुख्य फसल गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। किसान मौसम का रुख देखकर चिंतित है।
वाराणसी, जेएनएन। इन दिनों तापमान बढ़ गया है। सामान्य की अपेक्षा 4 से 5 डिग्री सेल्सियस से अधिक पारा उछाल मार रहा है। ऐसे में रबी की मुख्य फसल गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। किसान मौसम का रुख देखकर चिंतित है कि मौसम के कुप्रभाव से गेहूं के दाने पतले हो जाएंगे। इससे उत्पादन प्रभावित होगा।
जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्य बताते हैं कि बढ़े तापमान का प्रभाव गेहूं के उत्पादन पर पड़ेगा, गेहूं के दाने पतले और कम गुणवत्ता वाले होंगे, इस बीच हवा चली तो किसान पर दोहरी मार पड़ सकती है। पकी हुई फसल फलियों के बोझ से भारी हो गई है। वह बताते हैं कि बढ़े तापमान से खेत की नमी सूख जा रही है। दानों को पुष्ट होने के लिए मिट्टी में नमी और मौसम में सर्दी का प्रभाव बने रहना अभी आवश्यक था, किंतु बदला मौसम फसल के प्रतिकूल हो गया है। अगर इस बीच कहीं तेज गति से हवा चली तो नुकसान की दर बढ़ जाएगी। वह बताते हैं कि मौसम के इस रुख का प्रभाव गेहूं पर ही ज्यादा पड़ेगा। वह भी छिटकवा विधि से बोए गए पौधों में नुकसान की आशंका ज्यादा होती है क्योंकि उनकी जड़ें गहराई तक नहीं जातीं और कमजोर होती हैं। रबी की अन्य फसलें चना, मटर, सरसों, दलहन-तिलहन पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा।
मौसम के प्रभाव से फसल को बचाने के उपाय
जिला कृषि अधिकारी बताते हैं कि गेहूं के नुकसान को कम करने के लिए किसान बंधुओं को चाहिए कि वे हर एक या दो दिन के अंतर पर शाम को फसल की हल्की सिंचाई कर दिया करें। इससे कुछ हद तक नुकसान को कम किया जा सकता है। ध्यान रखें कि सिंचाई हल्की ही करें, ज्यादा पानी भर देने से जड़ें कमजोर हो जाएंगी और हवा की गति बढ़ी तो फसल के गिरने का खतरा उत्पन्न हो जाएगा।