प्रधानमंत्री आवास योजना : किसी की नींव बनी तो किसी की दीवार, दूसरी व तीसरी किश्त न मिलने से लाभार्थी परेशान

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) डूडा के अधिकारियों की मनमानी के कारण परवान नहीं चढ़ पा रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 07:15 AM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 07:15 AM (IST)
प्रधानमंत्री आवास योजना : किसी की नींव बनी तो किसी की दीवार, दूसरी व तीसरी किश्त न मिलने से लाभार्थी परेशान
प्रधानमंत्री आवास योजना : किसी की नींव बनी तो किसी की दीवार, दूसरी व तीसरी किश्त न मिलने से लाभार्थी परेशान

गाजीपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) डूडा के अधिकारियों की मनमानी के कारण परवान नहीं चढ़ पा रहा है। जनपद में अब तक मात्र 400 लोगों का ही आवास मूर्त रूप ले पाया है। शेष लाभार्थी योजना के तहत मिलने वाली दूसरी व तीसरी किश्त का इंतजार कर रहे हैं। किसी की नींव बनी है तो किसी की दीवार तक आकर अटका हुआ है। ऐसे लाभार्थी विभाग को कोस रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार कि यह अहम योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। 

विभाग के मुताबिक दो वर्ष के अंदर जनपद के आठ नगर निकायों में कुल 13000 पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभांवित किया गया है।6000 पात्रों को पहली किश्त, 4000 लोगों को पहली व दूसरी दोनों किश्त एवं मात्र 400 लोगों को तीनों किश्त प्राप्त हुआ है। इससे विभाग की उदासीनता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। शासन द्वारा इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी डूडा को दी गई है। डूडा द्वारा संविदा या व्यक्तिगत स्तर पर प्रत्येक नगर पंचायतों में एक अवर अभियंता व एक सर्वेयर रखा गया है। आवेदन करने वालों लोगों की सूची बनाने के बाद जेई व सर्वेयर जाकर भौतिक सत्यापन करते हैं। इसके बाद पात्रों की लिस्ट बनती है। इस सूची को पुन: लेखपाल के माध्यम से सत्यापित कराया जाता है। जांच के बाद फाइनल सूची बनती है जिसको विभाग शासन को भेजता है। इसके बाद लाभाॢथयों के खाते में धनराशि आती है। पहली किश्त 50 हजार, दूसरी किश्त 150 व तीसरी किश्त 50 हजार रुपये आती है। पहली किश्त आने के बाद जितना निर्माण होता है उसकी फोटो व विडियोग्राफी कर जेई व सर्वेयर द्वारा विभाग को उपलब्ध कराया जाता है तब दूसरी किश्त आती है। इसी तरह दूसरी किश्त आने के बाद की प्रक्रिया पूरी करने के बाद तीसरी किश्त आती है। तीनों किश्त न मिलने के कारण करीब 5600 लोग नींव व दीवार बनवाकर व 3600 लोग नींव, दीवार व छत ढलवाकर अगली किश्त का इंतजार कर रहे हैं। किश्त न मिलने से परेशान लाभाॢथयों को बार-बार विभागीय कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है।

होती है मनमानी वसूली

विभिन्न नगर निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना में मनमानी शिकायत का आरोप सभासदों व आम जनता द्वारा विभाग पर लगाया जाता रहा है। कुछ लाभाॢथयों का कहना है कि पहली किश्त आने पर पांच हजार, दूसरी किश्त आने पर 10 हजार व अंतिम किश्त आने पर पुन: पांच हजार रुपये की उगाही हम लोगों से की जा रही है। रुपये न देने वाले लाभाॢथयों का किश्त रोक दी जाती है। 

धनराशि अवमुक्त न होने के कारण नहीं भेजी जा सकी किश्त

शासन की मंशा के अनुरूप भौतिक सत्यापन, लेखपाल व नगर पंचायत के ईओ के रिपोर्ट के बाद किश्त भेज दी जाती है। शासन से धनराशि अवमुक्त न होने के कारण बहुत से लाभाॢथयों को दूसरी व तीसरी किश्त अब तक नहीं भेजी जा सकी है। धनराशि अवमुक्त होते ही भेज दी जाएगी।  

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