आयकर विभाग : न्यायालय से वाद वापस लेकर करदाता फिर से जमा सकते हैं अपना विश्वास, 31 जुलाई तक बढ़ी तिथि
कम आयकर देने का आरोप हो या फिर आयकर विभाग से किसी मुद्दे पर विवाद चल रहा हो तो ऐसे आयकरदाता विवाद से विश्वास योजना के तहत इन आरोपों से बरी हो सकते हैं। विभाग ने विवाद से विश्वास योजना की तिथि 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है।
वाराणसी, जेएनएन। कम आयकर देने का आरोप हो या फिर आयकर विभाग से किसी मुद्दे पर विवाद चल रहा हो तो ऐसे आयकरदाता 'विवाद से विश्वास' योजना के तहत इन आरोपों से बरी हो सकते हैं। आयकर विभाग ने 'विवाद से विश्वास' योजना की तिथि 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है। इस योजना के माध्यम से आयकरदाता पुनः आयकर विभाग के विश्वास पात्र बन सकते हैं।
इस योजना में वे करदाता शामिल होंगे जिनपर विभाग ने कम आयकर देने का आरोप लगाते हुए मूल आयकर की राशि में ब्याज और जुर्माना लगा रखा है। इस योजना की घोषणा सरकार ने गत वर्ष के बजट में किया था। उस समय यह योजना 30 जून 2020 तक के लिए ही थी। योजना की घोषणा के बाद भी करदाताओं और विभाग के बीच विश्वास का मतभेद रहा है। इस कारण करदाता कर का भुगतान करने के बजाय न्यायालय का रुख कर लिए। अब योजना की तिथि बढ़ने के बाद जो भी करदाता विवाद से छुटकारा पाना चाहते हैं तो उनको इस योजना में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऐसे आयकरदाताओं को न्यायालय से अपना वाद वापस लेना होगा। इसके बाद मूल आयकर के साथ ब्याज और जुर्माने की 25 फीसद राशि भी जमा करनी होगी। इसके बाद आयकर विभाग सभी प्रकार के विवाद को समाप्त कर देगा।
टैक्स सलाहकारों के माध्यम से विभाग कर रहा है जागरूक
आयकर विभाग इस योजना के तहत अधिक से अधिक वादों के निपटारे के लिए कर अधिवक्ताओं, चार्टर अकाउंटेंट और कर सलाहकारों की मदद से करदाताओं को जागरूक कर रहा है। सीए जय प्रधवानी ने बताया कि सरकार ने विवाद खत्म करके अधिक से अधिक आयकर जमा करने के लिए इस योजना को पुनः शुरू किया है। हमारे कई आयकरदाता इस योजना का लाभ लेने की तैयारी में है।