वाराणसी में देवी गीत गाते हुए महिलाओं ने की अंतरगृही यात्रा, टोली बनाकर भक्‍तों ने किया दर्शन-पूजन

मंगलवार को एक दिवसीय अंतरगृही यात्रा की शुरुआत हुई जिसमें महिलाएं सुबह मणिकर्णिका घाट से स्नान कर असि घाट होते हुए संकटमोचन एफसीआइ से मंडुआडीह से फुलवरिया होते चौकाघाट पहुंचती है चौका घाट रात्रि विश्राम करती है। अगले दिन सुबह राजघाट होते हुए पुनः मणिकर्णिका पहुंच जाती है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 29 Dec 2020 05:32 PM (IST) Updated:Tue, 29 Dec 2020 06:15 PM (IST)
वाराणसी में देवी गीत गाते हुए महिलाओं ने की अंतरगृही यात्रा, टोली बनाकर भक्‍तों ने किया दर्शन-पूजन
वाराणसी में अंतरगृही यात्रा के दौरान महिलाएं देवी गीत गाते हुए निकल रही थी।

वाराणसी, जेएनएन। मंगलवार को एक दिवसीय अंतरगृही यात्रा की शुरुआत हुई जिसमें महिलाएं सुबह मणिकर्णिका घाट से स्नान कर असि घाट होते हुए संकटमोचन, एफसीआइ से मंडुआडीह से फुलवरिया होते चौकाघाट पहुंचती है चौका घाट रात्रि विश्राम करती है। अगले दिन सुबह राजघाट होते हुए पुनः मणिकर्णिका पहुंच जाती है।

यात्रा के दौरान महिलाएं देवी गीत गाते हुए निकल रही थी। मंडुआडीह क्षेत्र के शिवदासपुर में ग्राम वासियों ने अंतरगृही यात्रा कर रही महिलाओं की सेवा में लगे थे और उन्हें खाद्य सामग्री वितरित कर रहे थे। अंतरगृही यात्रा कर रही दरेखु निवासिनी संजू देवी व भीमचंडी निवासिनी अमरावती देवी ने बताया कि यह यात्रा माता सीता ने किया था। भगवान राम को खाना देने के बाद फिर इस यात्रा पर निकल पड़ी थी और खाना खाने के दौरान ही वह पहुच गयी थी।बताया कि इस यात्रा को करने से माता सीता सभी इच्छा पूर्ण करती है। लगातार 7 वर्षों से टोली बनाकर वह यात्रा कर रही है। बातचीत में बताया कि पतियो ने कोरोना काल मे यह यात्रा करने से मना कर रहे थे लेकिन उनकी आस्था इतनी अटूट है कि वर्षों से कर रही इस यात्रा को नही छोड़ना चाहती थी। अंतरगृही यात्रा के दौरान शिवदासपुर में शिवानंद राजभर, संदीप केसरी, सुदर्शन, अनिल सेठ, अनूप, समेत अन्य लोग खाद्य सामग्री का वितरण कर रहे थे।

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