वाराणसी में दो माह में 135 करोड़ घट गया बिजली विभाग का राजस्व, उपभोक्ता छूट का उठा रहे बेजा लाभ

वाराणसी में शहर और ग्रामीण क्षेत्र के आंकड़ों को मिला दें कुल पांच लाख बिजली उपभोक्ता हैं। मार्च के राजस्व 250 करोड़ की तुलना में अप्रैल में 170 करोड़ का राजस्व बिजली विभाग को प्राप्त हुआ। यानी मार्च के मुकाबले अप्रैल माह में 32 फीसद कम राजस्व प्राप्त हुआ है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 08:50 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 08:50 AM (IST)
वाराणसी में दो माह में 135 करोड़ घट गया बिजली विभाग का राजस्व, उपभोक्ता छूट का उठा रहे बेजा लाभ
मार्च के मुकाबले अप्रैल माह में 32 फीसद कम राजस्व प्राप्त हुआ है।

वाराणसी, जेएनएन। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कोरोना महामारी को देखते हुए बिजली उपभोक्ताओं को जरा सी छूट क्या दे दी बिजली उपभोक्ता दो माह से अब बिल ही जमा करना भूल गए। दरअसल महामारी को देखते हुए ऊर्जा मंत्री ने बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि कोरोना महामारी के दौरान किसी भी उपभोक्ता की बिजली न काटी जाए। लेकिन यदि कोई उपभोक्ता अपना बिजली बिल भुगतान करना चाहता है तो ऑनलाइन बिल का भुगतान करने में उनकी मदद करें। आंकड़े पर नजर घुमाएं तो करीब दो माह में बिजली विभाग के राजस्व में करीब 135 करोड़ की कमी आई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार कम राजस्व वसूली को देखकर अधिकारी चिंतित है। उन्हें एक बार फिर से अब निजीकरण की चिंता सताने लगी है। करार के मुताबिक अधिक राजस्व वसूली पर ही निजीकरण का मामला रूका था। कुछ अधिकारी तो नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि पांच महीने की मेहनत पर कोरोना ने दो माह में पानी फेर दिया है।

54 फीसद उपभोक्ताओं ने नहीं जमा किया बिल

जिले में शहर और ग्रामीण क्षेत्र के आंकड़ों को मिला दें कुल पांच लाख बिजली उपभोक्ता हैं। मार्च के राजस्व 250 करोड़ की तुलना में अप्रैल में 170 करोड़ का राजस्व बिजली विभाग को प्राप्त हुआ। यानी मार्च के मुकाबले अप्रैल माह में 32 फीसद कम राजस्व प्राप्त हुआ है। वहीं अप्रैल के मुकाबले मई में भी 32 फीसद कम राजस्व की प्राप्ति हुई है। देखा जाए तो मार्च के तुलना में मई में करीब 54 फीसद उपभोक्ताओं ने बिल नहीं जमा किया है।

ऑनलाइन फ्राड है बहाना

शीर्ष अधिकारियों के निर्देश पर जेई जब अपने क्षेत्र के उपभोक्ताओं से बिल जमा करने का आग्रह किए तो उन्होंने लॉकडाउन और ऑनलाइन फ्राड होने का बहाना बनाया। कहा कि ऑनलाइन बिल जमा करने में खाते से रुपये कट जाते हैं और बिल जमा नहीं हो पाता है। इसके बाद विभाग के फेरे लगाने पड़ते हैं।

केस -1

छोटा लालपुर निवासी छोटू जायसवाल का दो माह का बिजली बिल 7936 रुपये आया है। उन्होंने बताया कि एक बार वह पेटीएम से बिल जमा किए पेमेंट सक्सेस होने के बाद भी विभाग के खाते में पैसा नहीं गया। कई बार कस्टमर केयर से शिकायत की उसके बाद पेमेंट सेटल हुआ।

केस -2

लमही निवासी सत्येंद्र उपाध्याय ऑनलाइन फ्राड होने के डर से बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इनका भी बिल दो माह का 3879 रुपये का बकाया है। काउंटर खुलेगा तो बिल जमा होगा।

लॉकडाउन के कारण विभाग के राजस्व पर असर पड़ा

लॉकडाउन के कारण विभाग के राजस्व पर असर पड़ा है। काउंटर खुलने के बाद भी लोग बिल नहीं जमा कर रहे हैं। ऑनलाइन बिल जमा करने का विकल्प भी है। फिर भी उपभोक्ता बहानेबाजी कर रहे हैं। अब उपकेंद्र से लाइनमैन, जेई और एसडीओ उपभोक्ताओं को फोन करके बिल बिल जमा करने का निवेदन कर रहे हैं। अब जुलाई से बकाएदारों की बिजली काटी जाएगी।

- मनोज कुमार अग्रवाल, मुख्य अभियंता पुविविनिलि।

वाराणसी में बिजली कारोबार

250 करोड़ मार्च का कुल राजस्व

170 करोड़ अप्रैल का कुल राजस्व

115 करोड़ मई का कुल राजस्व

500 मेगावाट की खपत थी मार्च और अप्रैल में

600 मेगावाट की खपत हुई मई में

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