वाराणसी में बंजर जमीन मामले में डिप्टी कलेक्टर माल के आदेश की फाइल गायब, तहसील कार्यालय में हुई तलाश

फर्जी तरीके से ग्राम सभा की बंजर जमीन पर 229-बी कराने व वर्ष 1968 में तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर माल के उसे निरस्त करने के आदेश की फाइल ही गायब हो गई है। फाइल डिप्टी कलेक्टर-माल कार्यालय तहसील कार्यालय के साथ ही अभिलेखागार में खोजी गई मगर वह नहीं मिली।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 07:30 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 08:44 AM (IST)
वाराणसी में बंजर जमीन मामले में डिप्टी कलेक्टर माल के आदेश की फाइल गायब, तहसील कार्यालय में हुई तलाश
1968 में तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर माल के निरस्त करने के आदेश की फाइल ही गायब हो गई है।

वाराणसी, जेएनएन। फर्जी तरीके से ग्राम सभा की बंजर जमीन पर 229-बी कराने व वर्ष 1968 में तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर माल के उसे निरस्त करने के आदेश की फाइल ही गायब हो गई है। मंगलवार को फाइल डिप्टी कलेक्टर-माल कार्यालय, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी व राजातालाब तहसील कार्यालय के साथ ही अभिलेखागार में खोजी गई, मगर वह नहीं मिली। अधिकारी व कर्मचारी एक-दूसरे पर आरोप मढऩे के साथ फाइल गायब होने के नाम पर चुप्पी साधे रहे। सवाल उठता है कि पूर्व डिप्टी कलेक्टर माल ने पांच मार्च 1968 को 229-बी निरस्त कर अभिलेख में ग्रामसभा दर्ज करने का आदेश दिया तो उसे क्यों नहीं अमल में लाया गया। पांच दशक तक क्यों अनदेखी हुई। इस मामले को प्रशासन के समक्ष रखा।

राजातालाब तहसील के परगना कसवार राजा में मोहनसराय-प्रयागराज (एनएच- 19) के पास 80 एकड़ बंजर जमीन है। इसमें से पांच एकड़ जमीन से जुड़े कोले बनाम ग्रामसभा मामले की सुनवाई करते हुए तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर माल, एसपी श्रीवास्तव ने पांच मार्च-1968 को कोले यादव के खिलाफ फैसला सुनाया। साथ ही अभिलेख में ग्रामसभा की जमीन दर्ज करने का निर्देश दिया, लेकिन 53 साल में किसी अधिकारी-कर्मचारी को इसके लिए फुर्सत नहीं मिली। वहीं मंडलायुक्त के साथ पूर्व बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी ने भी कोले यादव की अपील खारिज कर दी थी।

अभी वीआइपी ड्यूटी, बाद में बात

आदेश की फाइल गायब होने के बारे में वर्तमान डिप्टी कलेक्टर माल मीनाक्षी पांडेय से पूछा गया तो वे जवाब देने की बजाय बस यह कहती रहीं कि वे वीआइपी ड्यूटी पर हैं। बाद में बात करेंगी। इसके बाद फिर फोन करने पर उन्होंने काल नहीं उठाया।

 खोजते रहे बचने का रास्ता

इस मामले की खबर छपने से बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी व कर्मचारियों के होश उड़ गए। अधिकारी और कर्मचारी सुबह ही कार्यालय पहुंचे और दिनभर फाइल खोजने के साथ बचने का उपाय भी तलाशते रहे। पुराने कर्मियों से भी पूछा गया। अधिकारी ने कुछ कर्मियों पर नाराजगी भी जाहिर की।

बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी से रिपोर्ट मांगी गई है

बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी से रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने जो रिपोर्ट दी थी वह संतोषजनक नहीं थी। उसे लौटा दिया है।

-गुलाब चंद्र, एडीएम सिटी

chat bot
आपका साथी