वाराणसी में कोविड ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले शिक्षक समेत 36 कर्मियों की ली जान
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने वालों के लिए लाेकतंत्र का पर्व खुशी का अहसास करा रहा है तो वहीं सरकारी महकमें के 37 परिवरों के लिए यह दुखद रहा। हालांकि इसमें से एक पुलिस कर्मी की मौत दुर्घटना की वजह से हुई शेष की कोविड ने जान गई।
वाराणसी, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने वालों के लिए लाेकतंत्र का पर्व खुशी का अहसास करा रहा है तो वहीं सरकारी महकमें के 37 परिवरों के लिए यह दु:खद रहा। हालांकि इसमें से एक पुलिस कर्मी की मौत दुर्घटना की वजह से हुई शेष की कोविड ने जान गई। काेरोना की चपेट में आने के कारण अनगिनत हो सकते हैं लेकिन परिवार तो यही मान रहा है कि काश, चुनाव कराने नहीं नहीं गए होते तो फलां आज जिंदा होते...इन परिवारों के दर्द पर मरहम अब कोई भी नहीं लगा सकता है। किसी घर के कमाऊ सदस्य की मौत के बाद परिवार की मन:स्थिति को समझना बूते की बात भी नहीं। एक दो नहीं न जाने कितने सपने टूट गए होंगे।
बहरहाल, सभी विभागाध्यक्षों की ओर से जिला निर्वाचन कार्यालय पंचायत को रिपोर्ट सौंप दी गई है। कोविड की वजह से सर्वाधिक मौत शिक्षकों व शिक्षा महकमा से जुड़े कर्मियों की हुई है। इनकी संख्या 24 है। इसमें 19 बेसिक शिक्षा विभाग, पांच जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से जुड़े हैं। बीएसए व डीआइओएस की ओर से रिपोर्ट सौंप दी गई है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता निर्माण खंड भवन के तीन, प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के दो, उप निदेशक सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के एक, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता 44वां विद्धुत यांत्रिकी विभाग के एक, अधिशासी अभियंता मूसा खंड बांध प्रखंड के एक, अधिशसी अभियंता सिंचाई विभाग के एक, अधीक्षण अभियंता पीएमजीएसवाई के एक, उप निदेशक रेशम विभाग के एक, जिला पूर्ति विभाग के एक कर्मचारी की मौत हुई है। विभागाध्यक्षों की ओर से इन सभी मौत की वजह कोविड बताया गया है। इसके अलावा एसपी ग्रामीण से एक पुलिस की दुर्घटना में मौत हुई है। इस तरह पंचायत चुनाव में कुल 37 कर्मचारियों की मौत हुई, इसमें सर्वाधिक 36 मौत कोविड से बताया जा रहा है।
मदद के लिए आयोग पर टिकी नजर
राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन में कोविड से मृत्यु पर मदद की व्यवस्था है। हालांकि विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि आयोग की ओर से ड्यूटी व घर लौटने तक की राह में हुई घटना, दुर्घटना पर अनुग्रह राशि देने की व्यवस्था है। हालांकि कोविड के मामले इससे अलग हैं। निर्वाचन ड्यूटी की अवधि के बाद बहुतायत की मौत हुई है। एक पुलिस कर्मी की मौत के मामला स्पष्ट है, इसलिए मदद तत्काल मिलेगी लेकिन शेष के मामले में आयोग के फैसले का इंतजार करना होगा।