वाराणसी में वाणिज्य कर विभाग को चार सौ करोड़ बकाये में मिले मात्र तीन करोड़ चार लाख
वाणिज्य कर की ओर से गत छह माह से चलाई जा रही ब्याज माफी योजना का ज्यादा लाभ विभाग को मिलता नहीं दिख रहा है। इसमें व्यापारी ज्यादा रुचि नहीं ले रहे हैं। योजना के तहत बकायेदारों के लिए अलग-अलग स्लैब के आधार पर ब्याज माफ करने का प्रविधान है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। वाणिज्य कर की ओर से गत छह माह से चलाई जा रही ब्याज माफी योजना का ज्यादा लाभ विभाग को मिलता नहीं दिख रहा है। इसमें व्यापारी ज्यादा रुचि नहीं ले रहे हैं। योजना के तहत बकायेदारों के लिए अलग-अलग स्लैब के आधार पर ब्याज माफ करने का प्रविधान है। विभाग को उम्मीद थी कि कम से कम 25 हजार व्यापारी योजना का लाभ उठाएंगे, मगर मार्च से शुरू हुई योजना में अब तक 925 आवेदन ही आए हैं। योजना की अवधि तीन बार बढ़ाई गई है। अब दो सितंबर तक व्यापारी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। कम आवेदन पर अधिकारी अब योजना के प्रसार-प्रचार में जुटे हैं।
38.5 लाख के बकाये पर व्यापारी ने जमा किए 3.85 लाख, मिला नो-ड्यूज
चंदौली की एक फर्म ने पुराने बकाया 38.5 लाख के मामले में योजना के तहत 90 फीसद छूट प्राप्त किया है। इसके तहत उसे बकाये के एवज में मात्र 3.85 लाख जमा करने पड़े। इसके बाद उसे नो-ड्यूज प्रमाणपत्र मिल गया। एक अन्य व्यापारी ने 19.20 लाख बकाये पर 1.92 लाख रुपये जमा कर नो-ड्यूज प्रमाणपत्र प्राप्त किया।
यह है स्लैब का आधार
बकाया ब्याज माफीयोग्य राशि
10 लाख तक - शून्य -100 फीसद
एक करोड़ तक -10 फीसद- 90 फीसद
पांच करोड़ तक -50 फीसद -50 फीसद
5 करोड़ से ऊपर-90 फीसद-10 फीसद
यह भी जानें
29 : हजार व्यापारी जिले में बकायेदार
400 : करोड़ रुपये है कुल बकाया
1.25 : करोड़ की वसूली प्रथम खंड में
1.78 : करोड़ की वसूली द्वितीय खंड में
3.03 : करोड़ की कुल वसूली जोन में
2.47 : करोड़ की कुल ब्याज माफी
02 : सितंबर है योजना की अंतिम तिथि
समस्या होने पर व्यापारी करें फोन
कर वसूली अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि व्यापारियों के लिए यह अच्छी योजना है। इसमें वह व्यापारी भी शामिल हो सकते हैं जिनके मामले न्यायालय और अपील में हैं। वह मामले को वापस लेकर योजना में शामिल हो सकते हैं। यदि उन्हें कोई समस्या हो तो वह 7235002353 पर फोन करके जानकारी ले सकते हैं।
योजना का लाभ व्यापारी दो सितंबर तक ले सकते
योजना का लाभ व्यापारी दो सितंबर तक ले सकते हैं। यदि योजना के विषय में कुछ जानना-समझना हो या कोई परेशानी आ रही हो तो विभाग में आकर जानकारी प्राप्त करें। उनकी समस्याएं दूर की जाएंगी।
- अमित पाठक, अपर आयुक्त कार्यपालक, वाणिज्य कर वाराणसी