वाराणसी में मानव श्रृंखला बना कर बुनकरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय पर लगाई गुहार

फ्लैट रेट पर बिजली की मांग को लेकर वाराणसी वस्त्र बुनकर संघ व बुनकर बिरादराना तंजीम के आह्वान पर बुधवार को बुनकरों ने प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पर मानव श्रृंखला बनाकर बिजली का फ्लैट रेट बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 07:21 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 07:21 PM (IST)
वाराणसी में मानव श्रृंखला बना कर बुनकरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय पर लगाई गुहार
बुनकर संघ वाराणसी की ओर से फ्लैट रेट बिजली रेट बिजली बहाल करने को लेकर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध किया।

वाराणसी, जेएनएन। फ्लैट रेट पर बिजली की मांग को लेकर वाराणसी वस्त्र बुनकर संघ व बुनकर बिरादराना तंजीम के आह्वान पर बुधवार को बुनकरों ने प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पर मानव श्रृंखला बनाकर बिजली का फ्लैट रेट बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया। अध्यक्ष राकेशकांत राय  ने कहा कि प्रदेश में सात दिन से बुनकर पावरलूम बंद करके हड़ताल पर हैं। आठ  महीने कोरोना की मार झेलने के बाद बुनकरों अब त्योहारी सीजन में दाने-दाने के लिए मोहताज हैं।

बुनकरों की हालत देखते हुए सरकार को फ्लैट रेट पर बिजली देने का आदेश जारी कर देना चाहिए। शैलेश सिंह, अकरम अंसारी, हाजी ओकास अंसारी, ज्वाला सिंह, जीशान आलम, संजय प्रधान, विनोद मौर्य, लालता प्रसाद, इरशाद, महताब आलम, अनीस अंसारी,  श्याम सुंदर पटेल, अजीत कुमार पटेल, लालबहादूर मौर्य थे। बुनकर बिरादराना तंजी़म चौदहों के अध्यक्ष सरदार हाजी मकबूल हसन के नेतृत्व में बुनकर बिरादराना तंजीम चौदहों एवं वाराणसी वस्त्र बुनकर संघ के पदाधिकारियों ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष इंद्रेश कुमार से मुलाकात कर फ्लैट रेट पर बिजली आपूर्ति के संबंध में 48 दिन बीत जाने के बाद भी कोई निर्णय न होने पर चर्चा की। उन्होंने बुनकरों को आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करके हल निकाला जाएगा। वहीं हड़ताल के सातवें दिन लल्लापुरा में बुनकर दस्तकार अधिकार मंच के इदरीस अंसारी ने कहा कि कुछ लोग आंदोलन को खराब करना चाहते हैं। दो महीने बाद सरकार द्वारा सिर्फ एक आदेश जारी किया गया है। वहीं बिजली विभाग अब कनेक्शन जोडऩे के लिए सात सौ रूपए मांग रहा है। सरकार जब तक हमारी मांग पूरी नहीं करती तब तक हम मुर्री बंद रखेंगे।

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