वाराणसी में दूसरों का पेट भरकर बदामा भुला रहीं अपना गम, एसिड अटैक पीड़ित महिलाएं कर रहीं सेवा
वाराणसी पांडेयपुर की एसिड अटैक पीड़िता बदामा देवी कोरोना काल में दूसरों का पेट भरकर अपना गम भुला रहीं हैं। उनके इस मुहिम में कई संस्थाएं सहयोग कर रहीं हैं। लंदन की संस्था एक्शन एड खाना बनाने के लिए राशन सामग्री मुहैया करा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। मेघना गुलजार की फिल्म छपाक की तर्ज पर अपने जीवन से संघर्ष करके खुद को स्थापित करने की जद्दोजहद में जुटीं पांडेयपुर की एसिड अटैक पीड़िता बदामा देवी कोरोना काल में दूसरों का पेट भरकर अपना गम भुला रहीं हैं। उनके इस मुहिम में कई संस्थाएं सहयोग कर रहीं हैं। लंदन की संस्था एक्शन एड खाना बनाने के लिए राशन सामग्री मुहैया करा रही है। तो वितरण का जिम्मा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट संभाले हुए है। बदामा देवी के इस मुहिम में करीब 20 लोग लगे है। बदामा देवी ने दैनिक जागरण टीम को फोन पर बताया कि मैं भूखी रह सकती हूं लेकिन सड़क पर सोया मजबूर इंसान हो या होम आइसोलेशन में रह रहा परिवार वह काशी में भूखे पेट कैसे सो सकता है। ऐसे ही जरूरतमंद परिवार और इंसानों की मदद का बीड़ा मैंने पिछले वर्ष से उठाया है। गत वर्ष हमारी टीम ने लगभग 16 हजार लोगों को खाना खिलाया और पुण्य कमाया।
कीजिए हेल्पलाइन पर फोन, आपके घर पहुंचेगी हाइजेनिक भोजन की थाली
प्रयागराज की एसिड अटैक पीड़िता संगीता देवी ने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे परिवार को यदि भोजन बनाने में समस्या हो या पड़ोसी द्वारा कोई सहयोग नहीं मिल रहा हो तो उनको घबराने की जरूरत नहीं है। हम उनके पीड़ा को समझते हुए उनकी मदद करेंगे। इसके लिए उनको संस्था के हेल्पलाइन नंबर 9120112128 और 8840007206 पर मैसेज या फोन करना होगा। यदि पीड़ित मैसेज करेंगे तो उनको परिवार में सदस्यों की संख्या और पूरा पता भेजना होगा। सुबह में भोजन मंगाने के लिए नौ बजे और रात के लिए शाम पांच बजे तक सूचना देनी होगी।
10 वॉलेंटियर की टीम कर रही है सेवा
रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के अजय पटेल ने बताया कि महामारी काल में जरूरतमंद लोगों तक भोजन पहुंचाने के लिए संस्था के दस वॉलेंटियर दिन-रात सेवा में जुटे हुए हैं। इस बार भी प्रतिदिन 200-250 हाइजेनिक थाली जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है।