वाराणसी में कामर्शियल श्रेणी के 23 हजार भवन हुए ब्याजमुक्त, नगर निगम सदन के प्रस्ताव को शासन ने किया स्वीकार

नगर में कामर्शियल श्रेणी के 23 हजार भवनों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। 2014 से लागू स्वकर पर लगे ब्याज से मुक्त कर दिया है। सात साल का ब्याज माफ होगा। आदेश शासन से जारी होने के बाद सोमवार को नगर निगम वाराणसी को मिल गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 09:10 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 09:10 AM (IST)
वाराणसी में कामर्शियल श्रेणी के 23 हजार भवन हुए ब्याजमुक्त, नगर निगम सदन के प्रस्ताव को शासन ने किया स्वीकार
नगर में अनावासीय (कामर्शियल) श्रेणी के 23 हजार भवनों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। नगर में अनावासीय (कामर्शियल) श्रेणी के 23 हजार भवनों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। उन्हें वर्ष 2014 से लागू स्वकर पर लगे ब्याज से मुक्त कर दिया है। यह सात साल का ब्याज माफ होगा। इसका आदेश शासन से जारी होने के बाद सोमवार को नगर निगम वाराणसी को मिल गया है। सरकार ने यह निर्णय नगर निगम सदन में सर्वसम्मति से हुए फैसले के आधार पर लिया है। सरकार के इस फैसले से जहां अनावासीय भवन स्वामियों में खुशी है, वहीं अब नगर निगम को अपना तय टारगेट पूरा करने में सहूलियत होगी।

काफी लंबे समय से इस मामले को लेकर अनावासीय भवन स्वामियों व नगर निगम के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इससे स्वकर लागू होने के बाद से वह गृहकर जमा करने में आनाकानी कर रहे थे। सरकार ने नगर निगम सदन के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए इस फैसले को तर्कपूर्ण माना है। कोविड-19 के दौर में सरकार के इस फैसले से होटल मालिकों, दुकानदारों, नर्सिंग होम, हास्पिटल संचालकों, लाज चलाने वालों में हर्ष है। सरकार के इस फैसले को महापौर मृदुला जायसवाल, नगर आयुक्त प्रणय ङ्क्षसह ने सराहा है। साथ ही अनावासीय भवन स्वामियों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने मूल बकाये गृहकर को जमा कर शासन के तय राजस्व टारगेट 60 करोड़ को पूरा कराने में नगर निगम का सहयोग करें।

...तो फिर देना होगा ब्याज

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी ने बताया कि मूल बकाये की धनराशि को निर्धारित अवधि के भीतर अगर अनावासीय भवन स्वामी इस चालू वित्तीय वर्ष में नहीं जमा करते हैं तो ब्याज की धनराशि पुनर्नियोजित हो जाएगी।

सितंबर में बढ़ा राजस्व का ग्राफ

अनावासीय भवनों पर सरकार के फैसले के बाद नगर निगम के राजस्व में अचानक उछाल आया है और जमा करने वालों की तादाद बढ़ गई है। हालात यह हैं कि सितंबर माह में 68,689 भवन स्वामियों ने 17 करोड़, 20 लाख रुपये जमा किए हैं। वहीं हाल के दिनों में आनलाइन गृहकर जमा करने का चलन भी बढ़ा है। अप्रैल से अब तक 9086 भवन स्वामियों ने आनलाइन 1.77 करोड़ रुपये नगर निगम के कोष में जमा किए हैं। 60 प्रतिशत अनावासीय भवन स्वामियों ने अपना स्वकर जमा किया है जिससे राजस्व में उछाल आया है।

गृहकर के 500 बड़े बकाएदारों की सूची तैयार

नगर निगम ने गृहकर बकाएदारों पर सख्ती शुरू कर दी है। नगर आयुक्त प्रणय ङ्क्षसह के निर्देश पर हर जोनवार 100-100 बड़े बकाएदारों की सूची तैयार की गई है। इनमें से टाप-10 की वसूली के लिए नगर आयुक्त ने सभी जोनल अधिकारियों को लक्ष्य देते हुए वसूली करने का निर्देश दिया है। नगर आयुक्त प्रणय ङ्क्षसह ने बताया कि हर जोन को राजस्व वसूली का टारगेट दिया गया है। सभी को राजस्व जमा करने का डिमांड नोटिस भेज दिया गया है। अगर 10 दिन में बकाया गृहकर जमा नहीं किया जाता है तो उसे कानूनी नोटिस भेजा जाएगा। उसके बाद नगर निगम के अधिनियम के तहत वारंट भेजने के बाद भवन सील करने की कार्रवाई की जाएगी। कहा कि हर हाल में शासन ने बनारस नगर निगम के लिए जो 60 करोड़ का गृहकर लक्ष्य तय किया है उसे नगर निगम पूरा करेगा। अगर गृहकर व अनावासीय भवनों से स्वकर पैसा जमा होता है तो नगर निगम के खाते में 30 करोड़ का राजस्व एक बार में आ जाएगा।

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