मीरजापुर में शिवशंकारी धाम में अधेड़ की भारी वस्‍तु से प्रहार कर हत्‍या, पुलिस जांच पड़ताल में जुटी

Murder in Mirzapur वारदात की जानकारी होने के बाद मौके पर शिवशंकारी धाम घटनास्थल का निरीक्षण करते एसपी अजय कुमार सिंह पहुंचे और लोगों से बातचीत कर वारदात की पड़ताल करने के साथ ही लोगों से पूछताछ किया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 10 Nov 2021 12:19 PM (IST) Updated:Wed, 10 Nov 2021 12:19 PM (IST)
मीरजापुर में शिवशंकारी धाम में अधेड़ की भारी वस्‍तु से प्रहार कर हत्‍या, पुलिस जांच पड़ताल में जुटी
बदमाशों ने अधेड़ के सिर पर किसी भारी चीज से प्रहार कर उसकी हत्या कर दी।

मीरजापुर, जागरण संवाददाता। चुनार कोतवाली अंतर्गत कैलहट इलाके में स्थित शिवशंकरी धाम मंदिर में सो रहे अधेड़ की अबूझ हाल में हत्या कर दी गई। आशंका व्यक्त की जा रही है की बदमाशों ने अधेड़ के सिर पर किसी भारी चीज से प्रहार कर उसकी हत्या कर दी। ग्रामीणों के मुताबिक मृतक राधेश्याम (55) मानसिक रूप से विक्षिप्त था और करीब 6 सालों से वह यही मंदिर में रहता था और लोगों द्वारा मिले दान पुण्य से अपना भोजन आदि का प्रबंध करता था। वह कैसे और कहां से शिवशंकरी धाम मंदिर आया इसकी जानकारी नहीं हो सकी।

पुलिस के अनुसार घटना मंगलवार देर रात की बताई जा रही है। बुधवार की तड़के जब ग्रामीण मंदिर की ओर गए तो मंदिर के बरामदे में शव देख कर स्तब्ध रह गए। हालांकि, मौके से कुछ भी समान गायब होने की सूचना नहीं है। मौके पर पहुंचे कोतवाल गोपाल प्रसाद गुप्ता ने घटना के संबंध में स्थानीय ग्रामीणों से पूछताछ की। साथ ही शव को अन्त्य परीक्षण के लिये भिजवाया। आशंका व्यक्त की जा रही है कि बदमाशों के देर रात मंदिर आने के दौरान राधेश्याम की नींद खुल गई होगी और विरोध करने पर बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी।

वहीं वारदात की जानकारी होने के बाद मौके पर शिवशंकारी धाम घटनास्थल का निरीक्षण करते एसपी अजय कुमार सिंह पहुंचे और लोगों से बातचीत कर वारदात की पड़ताल करने के साथ ही लोगों से पूछताछ किया। 

कहां से आया था मृतक किसी को नहीं पता : मृतक राधेश्याम करीब छह वर्ष पूर्व मंदिर पर आ कर रहने लगे थे। गांव वालों के अनुसार वह किसी से अधिक बात नहीं करते थे और मंदिर में ही रहते थे। लोगों ने और पुजारी ने जो कुछ दे दिया उसी में भोजन आदि का प्रबंध कर लेते थे। उनकी भाषा शैली में राजस्थानी बोली का पुट था और पहनावा भी कुछ राजस्थानी था। हालांकि, उन्होंने किसी को कभी नहीं बताया कि वह कहां के रहने वाले थे।

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