कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में वाराणसी मंडल स्तर पर नौ फीसद घटी मातृ मृत्युदर

वाराणसी में कोरोना की दूसरी लहर ने भले ही स्वास्थ्य महकमे के सामने कड़ी चुनौती पेश की लेकिन मातृ मृत्युदर के मामले में यह दौर सराहनीय रहा। अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक मंडल स्तर पर 210 मौतें दर्ज हुईं। 11 महीने में औसतन 19.09 मौत हर माह हुई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 09:50 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:50 PM (IST)
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में वाराणसी मंडल स्तर पर नौ फीसद घटी मातृ मृत्युदर
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में नौ फीसद घटी मातृ मृत्युदर

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर ने भले ही स्वास्थ्य महकमे के सामने कड़ी चुनौती पेश की, लेकिन मातृ मृत्युदर के मामले में यह दौर सराहनीय रहा। अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक मंडल स्तर पर 210 मौतें दर्ज हुईं। 11 महीने में औसतन 19.09 मौत हर माह हुई। वहीं अप्रैल व मई 2021 यानी दूसरी लहर के पीक पर रहने के दौरान यह आंकड़ा महज 22 रहा। यानी हर माह 11 मौतें। यह आंकड़ा पहली लहर के मुकाबले करीब नौ फीसद कम है।

इसकी वजह जहां स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता रही तो वहीं परिवारीजनों की अतिरिक्त सगजता व महामारी के दौर में बेहतर खान-पान और स्वस्थ आदतें रहीं। महामारी के दौर में डाक्टरों को इसके लिए पहले से ही निर्देशित किया गया है। सीएमओ डा. वीबी सिंह ने बताया कि जनपद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर व आराजीलाइन को फर्स्ट रेफरल यूनिट बनाने के साथ ही वहां जरूरत पड़ने पर सर्जरी की व्यवस्था एवं ब्लड स्टोरेज की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसका काफी असर देखने को मिला है। आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है कि वह अपने क्षेत्र की गर्भवती को अस्पताल लाकर सबसे पहले उनका पंजीयन कराएं, फिर सभी जरूरी जांच कराएं। सभी केंद्र पर एमबीबीएस चिकित्सक जांच के लिए उपलब्ध हैं। गर्भवती की हर तरह की जांच निश्शुल्क कराई जाएगी। पूरी गर्भावस्था के दौरान चार जांचें होती हैं। स्वास्थ्य विभाग का पूरा जोर संस्थागत प्रसव कराने पर है।

मृत्यु की शत-प्रतिशत समीक्षा का लक्ष्य

अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक मंडल में 210 मौतों के सापेक्ष 88.46 मामलों की समीक्षा की गई थी। वहीं अप्रैल व मई 2021 में 22 मौतों के सापेक्ष केवल 68.75 फीसद मामलों की ही समीक्षा हो पाई। यानी मृत्यु के कारणों की समीक्षा में करीब 20 फीसद की कमी आई। इसे लेकर अपर निदेशक (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) कार्यालय में गुरुवार को एमडीएसआर (मेटर्नल डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस) की बैठक हुई। नोडल अधिकारी व ज्वाइंट डायरेक्टर (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) डा. अंशु सिंह ने बताया कि संभावित मौतों के सापेक्ष रिपोर्ट की गई मौतों के कारणों की समीक्षा हर माह की जाती है। इसमें मृत्यु के कारणों की पड़ताल होती है। मसलन जिसकी मौत हुई है, उसने चारों एएनसी जांच कराई थी या नहीं, परिवार के जागरुकता का स्तर क्या था, पारिवारिक स्थिति कैसी थी, पढ़ाई-लिखाई, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी अथवा सामान्य गर्भावस्था में डिलीवरी कहां हुई आदि तथ्यों की समीक्षा इसलिए की जाती है, ताकि भविष्य में इस तरह की मौतों को रोका जा सके। बैठक में सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों को मृत्यु की शत-प्रतिशत समीक्षा एवं एएनसी के दौरान उच्च जोखिम गर्भावस्था की पहचान करने के साथ ही खान-पान संबंधी परामर्श का फालोअप एएनएम या आशा के माध्यम से लगातार कराने का निर्देश दिया गया है।

वर्ष में संभावित गर्भवती

गाजीपुर 121345

चंदौली 65453

जौनपुर 150638

वाराणसी 123241

रिपोर्ट की गई मातृ मृत्यु

जनपद पहली लहर दूसरी लहर

गाजीपुर 28 03

चंदौली 48 10

जौनपुर 47 04

वाराणसी 87 05

रिपोर्ट हुई मातृ मृत्यु की समीक्षा

 जनपद पहली लहर दूसरी लहर

गाजीपुर 100.00 100

चंदौली 66.67 00

जौनपुर 87.23 75

वाराणसी 100.00 100

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