वाराणसी में निष्प्रयोज्य कलेक्ट्रेट भवन के ध्वस्तीकरण का आदेश फाइल में, मरम्मत को अब शासन से नहीं जारी होता बजट

पिछले कई साल से कलेक्ट्रेट भवन के निष्प्रयोज्य भवन में सैकड़ों कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। इधर सर्किट हाउस परिसर में करोड़ों का अंडर ग्राउंड मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण जमीन पर आकार ले रहा है तो कमिश्नरी में 16 मंजिला मंडलीय कार्यालय के शिलान्यास की तैयारी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:10 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 06:10 AM (IST)
वाराणसी में निष्प्रयोज्य कलेक्ट्रेट भवन के ध्वस्तीकरण का आदेश फाइल में, मरम्मत को अब शासन से नहीं जारी होता बजट
पिछले कई साल से कलेक्ट्रेट भवन के निष्प्रयोज्य भवन में सैकड़ों कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पिछले कई साल से कलेक्ट्रेट भवन के निष्प्रयोज्य भवन में सैकड़ों कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। इधर, सर्किट हाउस परिसर में करोड़ों का अंडर ग्राउंड मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण जमीन पर आकार ले रहा है तो कमिश्नरी में 16 मंजिला मंडलीय कार्यालय के शिलान्यास की तैयारी है। इधर, निष्प्रयोज्य भवन के ध्वस्तीकरण का आदेश तक फाइल में गुम है। राजस्व परिषद से निर्माण को कब हरीझंडी मिलेगी, शासन से कब बजट जारी होगा, यह किसी को पता नहीं है।

कर्मचारी व अधिकारी इस निष्प्रयोज्य भवन में जान जोखिम में डालकर जी जान से सरकारी फाइलों को निबटा रहे हैं। जिलाधिकारी ने पिछले दिनों राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक की। कलेक्ट्रेट की साफ सफाई, पेयजल व्यवस्था, बैठने एवं वाहन पार्किंग आदि विषय भी एजेंडा में शामिल रहे। संबंधित प्रभारी अधिकारी की ओर से कुछ यूं रिपोर्ट रखी गई। कलेक्ट्रेट का मुख्य भवन 1820 में निर्मित है। अभिलेखागार माल एवं समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट न्यायालय सन 1901 में निर्मित हुए। इस तरह ये दोनों भवन क्रमश: 200 व 119 वर्ष पुराने हैं। शासन व परिषद की ओर से प्रेषित प्रस्ताव के आधार पर उक्त भवन को निष्प्रयोज्य घोषित करते हुए ध्वस्तीकरण कराए जाने का आदेश दिया गया है। नए भवन के निर्माण के लिए परिषद की ओर से कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को नामित किया गया है। हालांकि राजस्व परिषद के ध्वस्तीकरण आदेश का अमल क्यों नहीं हुआ। इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।

भूमि की पैमाइश पूर्ण, उद्यान विभाग से मांगी गई जमीन

राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक की ओर से भवन निर्माण के लिए भूमि की पैमाइश की जा चुकी है। ले आउट प्लान प्रस्तुत किया जा चुका है। कुल 4400 वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध होना बताया गया है। समीक्षा बैठक में बताया गया है कि इसमें से 3800 वर्गमीटर भूमि पर नए भवन का निर्माण हो सकता है। 0.201 हेक्टेयर उद्यान विभाग के कंपनी बाग से भूमि लेने की आवश्यकता पड़ेगी। प्रमुख सचिव उद्यान को इस बाबत अनुरोध पत्र लिखे जाने की बात कही गई। यह भी समीक्षा बैठक की कार्यवृत्ति में दर्ज है कि इस बाबत प्रमुख सचिव की ओर से कोई दिशा निर्देश नहीं मिला।

पुराने भवन की अब देखरेख नहीं

कलेक्ट्रेट परिसर के निष्प्रयोज्य घोषित होने के कारण शासन से बजट आवंटित नहीं हो रहा है। इसकी वजह से रंगाई पोताई समेत अन्य कार्य बंद है। मरम्मत का कार्य तक नहीं हो रहा है।

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