वाराणसी में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एनआइओएस ने की शिक्षा आपके द्वार नामक अभियान की पहल
शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की एक उत्कृष्ट स्वायत्त संस्था राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) ने वाराणसी में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में पहल तेज कर दी है। शिक्षा आपके द्वार नामक अभियान के तहत संस्था ने जन-जन तक शिक्षा को सहज ढंग शिक्षा पहुंचाने का संकल्प लिया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की एक उत्कृष्ट स्वायत्त संस्था, 'राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) ने वाराणसी में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में पहल तेज कर दी है। शिक्षा आपके द्वार नामक अभियान के तहत संस्था ने जन-जन तक शिक्षा को सहज ढंग शिक्षा पहुंचाने का संकल्प लिया है।
संस्थान ने एक विस्तृत तीन दिवसीय प्रदर्शनी 'चकमता उत्तर प्रदेश के तहत आम लोगों तक यह संदेश पहुंचाने का प्रयास किया कि अब कोई भी बच्चा पढ़ाई दूर नहीं रहेगा। इसका उद्घाटन राज्यमंत्रीद्वय रघुराज सिंह व रवीन्द्र जायसवाल ने किया था। इस दौरान संस्था ने पुस्तक, चार्ट, आडियो-वीडियो के माध्यम से बच्चों को शिक्षा से जोडऩे का प्रयास किया। एनआइओएस की अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा के मुताबिक लगभग 3.5 मिलियन विद्यार्थी वर्तमान में विभिन्न कक्षाओं में नामांकित हैं। यह मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा पद्धति के माध्यम से आइसीटी के अधिकतम एकीकरण के साथ पूर्व-स्नातक स्तर तक के शैक्षिक, व्यावसायिक, बेसिक शिक्षा और शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों प्रदान करता है जिसमें शिक्षार्थियों को उनकी गति और स्थान पर पर्याप्त सुविधाएंऔर पढ़ाई के अवसर प्रदान किए जाते हैं। एनआइओएस देश भर में फैले 23 क्षेत्रीय केंद्रों और 7400 से अधिक अध्ययन केंद्रों के माध्यम से शिक्षा के अवसर प्रदान करता है।
एनआइओएस द्वारा संचालित प्रमुख पाठ्यक्रम इस प्रकार हैं
प्रारंभिक शिक्षा : मुुक्त बेसिक शिक्षा (ओबीई) क, ख और ग स्तर क्रमश: कक्षा तीन, पांच और आठ के समकक्ष है।
माध्यमिक शिक्षा (10वीं) : नौ माध्यमों में 35 विषय (18 भाषाएं और 17अन्य विषय) प्रदान किया जाता है।
उच्चतर माध्यमिक शिक्षा (12वीं) : छह माध्यमों 41 विषय (12 भाषाओँ और 29 अन्य विषय) प्रदान किए जाते है।
व्यावसायिक शिक्षा : राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) को अपनाते हुए 100 से अधिक व्यवसायिक पाठ्यक्रम।
एनआइओएस एक वर्ष में दो सार्वजनिक परीक्षाओं के अलावा, मुख्यालय और सभी क्षेत्रीय केंद्रों पर माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर वर्ष भर आन डिमांड परीक्षा आयोजित करता है। विद्यार्थी आनलाइन पंजीकरण करा सकते है और पंजीकृत विषय की परीक्षा में शामिल होने की तिथि ले सकते हैं।
-आन डिमांड परीक्षा विद्यार्थियों तनाव को दूर करती हैं क्योंकि वे जब भी परीक्षा देने के लिए तैयार हो, वे परीक्षा दे सकते हैं और किसी विषय में परीक्षा देने और उत्तीर्ण करने के लिए असीमित अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
-देश का एक प्रमुख राष्ट्रीय बोर्ड कुछ अनोखी विशेषताएं
-आसान पढ़ाई 12वीं कक्षा तक स्कूल जाने की जरूरत नहीं घर बैठे पढ़ें।
-सभी के लिए प्रवेश की सुविधा आनलाइन सुविधा।
-अच्छी पढने की सामग्री की व्यवस्था और रेडियो और वीडियो कार्यक्रम भी उपलब्ध।
- दिव्यांगजनों के लिए विशेष सामग्री।
-गुरुकुल के विद्यार्थियों के लिए विशेष पाठ्यक्रम।
-परीक्षा आपकी सुविधा के अनुसार।
- देशभर में क्षेत्रीय केंद्र।
-कम शुल्क।
-पढ़ाई में सहयोग के लिए स्टडी सेन्टर।
-पांच वर्ष तक पाठ्यक्रम पूरा करने की भी सुविधा।
वाराणसी में पिछले दो दिनों में एनआइओएस की दूसरी महत्वपूर्ण पहल हुई है कि दो मूक व बधिर विद्यालयों का निरीक्षण किया गया। दोनों महत्वपूर्ण कार्यक्रम शिक्षा के प्रसार में एक मील का पत्थर साबित होंगे और भविष्य में भी ऐसे अनेक कार्यक्रम किए जायें तो शिक्षा हर घर तक पहुंच सकेगी।
-नव वाणी स्कूल, छोटी गैबी, निकट रथ यात्रा
- बिमल चंद्र घोष स्कूल, हरहुआ,
एनआइओएस 'दिव्यांग शिक्षा के लिए अनेक नवाचार कर रहा है, जैसे सांकेतिक भाषा में शब्दावली।
-सांकेतिक भाषा में 500 से अधिक वीडियो सेकेंडरी तथा सीनियर सेकेंडरी स्तर पर।
-भारतीय सांकेतिक भाषा-एक भाषा विषय के रूप में माध्यमिक स्तर पर।
-दो विद्यालयों के निरीक्षण से इन दिव्यांग बच्चों की चुनौतियों को समझने और नई दिशाओं के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। इन विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों को मुख्यधारा में लाना एक महनीय कार्य है। एनआइओएस को यूनेस्को ने इस कार्य के लिए पुरस्कृत किया है।