चंदौली में फोनकर गुरुजी पूछेंगे कैसी चल रही पढ़ाई, अभिभावकों से बात कर शिक्षा का करेंगे मूल्यांकन
बेसिक शिक्षा परिषद ने कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए अभिनव पहल की है। शिक्षक अब बच्चों को फोनकर पढ़ाई-लिखाई का अपडेट लेंगे। साथ ही उनकी समस्याओं का भी समाधान करेंगे।बच्चों को मन में कोई सवाल होगा तो इसका जवाब देकर उनकी शंका दूर करेंगे।
चंदौली, जेएनएन। बेसिक शिक्षा परिषद ने कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए अभिनव पहल की है। शिक्षक अब बच्चों को फोनकर पढ़ाई-लिखाई का अपडेट लेंगे। साथ ही उनकी समस्याओं का भी समाधान करेंगे। यदि बच्चों को मन में कोई सवाल होगा तो इसका जवाब देकर उनकी शंका दूर करेंगे। इसको लेकर परिषद की ओर से स्पष्ट गाइडलाइन जारी की गई है।
कोरोना की वजह से बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में नई शुरूआत की जा रही है। ताकि पढ़ाई पर प्रतिकूल असर न पड़ सके। वहीं विद्यालय खुलने के बाद शिक्षकों पर एक साथ पाठ्यक्रम को पूरा कराने का भार न आ जाए।
गत वर्ष कोरोना काल में स्कूल बंद हुए तो आनलाइन पढ़ाई का क्रम शुरू हुआ था। हालांकि स्मार्ट फोन के अभाव में काफी संख्या में बच्चे आनलाइन कक्षाओं से जुड़ नहीं सके थे। ऐसे में आनलाइन क्लास की मुहिम बहुत कारगर नहीं साबित हो सकी। शासन ने मोहल्ला क्लास का निर्देश दिया था। शिक्षक गली-मोहल्ला में बच्चों को इकट्ठा कर उन्हें ज्ञान बांट रहे थे। हालांकि ठोस योजना के अभाव में यह पहल भी बहुत सार्थक नहीं रही। कोरोना की दूसरी लहर में भी स्कूल-कालेजों में पठन-पाठन ठप हो गया है।
पढ़ाई का सारा दारोमदार अब आनलाइन क्लास पर ही है। इसके जरिए ही शिक्षक चाहे जितना ज्ञान बच्चों को बांट दें। ऐसे में शासन इसकी मानीटरिंग को लेकर गंभीर हो गया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने गत वर्ष की भांति इस साल भी आनलाइन कक्षाओं के संचालन का निर्देश दिया है। बच्चों को वाट्सएप ग्रुप के जरिए पाठ्य सामग्री उपलब्ध करानी होगी। हालांकि इस बार आनलाइन क्लास पर फीडबैक भी लिया जाएगा। शिक्षक पढ़ाने के साथ ही समय-समय पर अभिभावकों को फोनकर पढ़ाई के बारे में जानकारी लेंगे। साथ ही अभिभावकों की शिकायतें व सुझाव भी प्राप्त कर इसे दूर करने का प्रयास करेंगे।
यह भी है निर्देश
प्रत्येक ब्लाक में पंचांग के अनुसार पाठ्य सामग्री साझा की जाएगी। रोजाना अभिभावकों व बच्चों से किस विषय पर वार्ता करनी है, इसकी पूरी डिटेल पहले ही शिक्षक डायरी में नोट करनी होगी। शिक्षक दूरदर्शन पर प्रसारित शिक्षण कार्यक्रमों को भी देखने के लिए बच्चों को प्रेरित करेंगे।
जिले के दो लाख बच्चों को पढ़ाना चुनौती
जिले के लगभग 1100 परिषदीय स्कूलों में दो लाख बच्चे पंजीकृत हैं। सभी बच्चों को आनलाइन कक्षाओं से जोड़कर पढ़ाना किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में शिक्षा विभाग तरह-तरह के प्रयोग कर रहा है। ताकि अधिक से अधिक बच्चों को आनलाइन क्लास का लाभ दिलाया जा सके।
परिषद की गाइडलाइन का कड़ाई के साथ पालन कराया जाएगा
परिषद की गाइडलाइन का कड़ाई के साथ पालन कराया जाएगा। शिक्षक अभिभावकों व बच्चों के बात कर पढ़ाई के बारे में फीडबैक लेंगे। साथ ही उन्हें पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करेंगे। शिक्षकों के दायित्वों की निगरानी की जा रही है।
- भोलेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए