भदोही में बैंक लिपिक ने तकिया से मुंह दबाकर पत्नी को मार डाला, मायके वालों से मांगी माफी

भदोही के औराई क्षेत्र के मीरजापुर रोड पर स्थित किराए के मकान में रह रहे बैंक लिपिक ने तकिया से मुंह दबाकर अपनी पत्नी गीता (35) की हत्या कर दी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 09:23 PM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 02:33 AM (IST)
भदोही में बैंक लिपिक ने तकिया से मुंह दबाकर पत्नी को मार डाला, मायके वालों से मांगी माफी
भदोही में बैंक लिपिक ने तकिया से मुंह दबाकर पत्नी को मार डाला, मायके वालों से मांगी माफी

भदोही, जेएनएन। औराई क्षेत्र के मीरजापुर रोड पर स्थित किराए के मकान में रह रहे बैंक लिपिक ने तकिया से मुंह दबाकर अपनी पत्नी गीता (35) की हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद कमरे में ताला बंद कर फरार हो गया। चार दिन बाद सोमवार को मायके वालों के मोबाइल फोन पर अपनी गलती को स्वीकार करते हुए घटना की जानकारी दी। कोतवाली पहुंचे मायके वालों ने इसकी जानकारी दी। पुलिस ने ताला तोड़कर शव को बाहर निकाला। आरोपित पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एसपी रामबदन सिंह ने घटना स्थल का जायजा लिया।

कोतवाली भदोही क्षेत्र के रंया पिपरी गांव निवासी मदनलाल मौर्य बैंक ऑफ बड़ौदा औराई में लिपिक पद पर तैनात है। उसकी शादी वर्ष 2008 में बिहसपुर गांव निवासी पंचलाल मोर्य की बेटी गीता के साथ हुई थी। शादी के बाद उसके दो पुत्री पैदा हुई थी लेकिन दोनों की मौत हो गई। मदनलाल अपनी पत्नी गीता को लेकर औराई में ही मीरजापुर रोड पर स्थित एक किराए के मकान में रहता है। चार दिन पहले वह तकिया से दबाकर गीता की हत्या कर दी थी। घटना को अंजाम देने के बाद बाहर से कमरे में ताला बंद कर मोबाइल फोन स्वीच आफ कर फरार हो गया था। सोमवार को वह अपने साले प्रदीप कुमार मौर्य के मोबाइल फोन कर घटना की जानकारी दी। बताया कि वह बहुत बड़ी गलती कर दिया है। उसकी बहन की हत्या कर शव को बंद कर दिया है। वह शव को निकाल कर अंतिम संस्कार कर दें। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों के होश उड़ गए। पिता पंचलाल ने बताया कि परिवार में किसी तरह का विवाद नहीं हो रहा था। इस तरह कदम उठाने को लेकर हर कोई परेशान है। प्रभारी निरीक्षक औराई ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पत्नी की हत्या वह क्यों किया, इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। तलाश की जा रही है। गिरफ्तारी के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

कसम खाई थी सुरक्षा की, कर दिया हत्या

अग्नि की साक्षी मानकर साथ जीने मरने की कसम खाई थी, सुरक्षा का भरोसा दिया था। यह सब मिट्टी में मिल गया और रक्षक ही भक्षक बन गया। इतना नृशंस हत्या करते समय उसे तनिक भी अपने कसम की याद नहीं आई। तकिया से मुंह दबाया होगा तो निश्चित रूप से गीता तड़पी होगी। अपने बचने का भी प्रयास की होगी। इसके बाद भी उसे तरस नहीं आया। घटना को अंजाम देने के बाद वह चार दिन तक छिपाया रहा। शव में कीड़े पड़ गए। उससे निकल रहा दुर्गंध धोखेबाज पति की काली करतूत की हकीकत बयां कर रही थी। सवाल यह है कि आखिर वह इतना कठोर कदम क्यों उठाया। शायद इसका जवाब भी किसी के पास नहीं है। मायके वालों का कहना है कि गीता बहुत ही सुशील थी। वह कभी भी ऊंची आवाज में बात नहीं करती थी। घटना को लेकर वह भी हतप्रभ हैं।

chat bot
आपका साथी