आजमगढ़ में अभिलेखों में जालसाजी कर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र लगा कर पा ली नौकरी, जांच के बाद कार्रवाई

अभिलेखों में कूटरचना व जालसाजी कर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाकर सरकार नौकरी करने वाले तीनों भाइयों के जाति प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने का आदेश जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति ने दिया है। कार्रवाई मेंहनगर तहसील के टंडवा खास गांव निवासी बालेश्वर सिंह की शिकायत पर हुई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 03:39 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 03:39 PM (IST)
आजमगढ़ में अभिलेखों में जालसाजी कर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र लगा कर पा ली नौकरी, जांच के बाद कार्रवाई
आजमगढ़ में अभिलेखों में जालसाजी कर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र लगा कर पा ली नौकरी

जागरण संवाददाता, आजमगढ़। अभिलेखों में कूटरचना व जालसाजी कर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाकर सरकार नौकरी करने वाले तीनों भाइयों के जाति प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने का आदेश जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति ने दिया है। यह कार्रवाई मेंहनगर तहसील के टंडवा खास गांव निवासी बालेश्वर सिंह की शिकायत पर हुई है।

मेंहनगर तहसील के टंडवा खास गांव निवासी रामकुमार गोंड, श्याम गोंड व लक्षिमन गोंड जनवरी 2007,19 दिसंबर 2006 को तहसील मेंहनगर से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया था। जिसके आधार पर तीनों भाई अनुसचित जनजाति के कोटे से सरकारी नौकरी कर रहे हैं। बालेश्वर सिंह मामले की शिकायत अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग आयुक्त न्यायिक व जिलाधिकारी से की। जिसमें उन्होंने राम कुमार गोंड, श्याम गोंड, लक्षिमन गोंड को पिछड़ी जाति (कहार) होने के बाद भी अभिलेखों में कूटरचना कर गलत तरीके से अनुसचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी सेवा का लाभ लेने का आरोप लगाया। प्रकरण जब जनपदस्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति के पास पहुंचा तो मामला सही पाया गया। तहसीलदार मेंहनगर ने लेखपाल, राजस्व निरीक्षक की जांच आख्या के बाद समिति को बताया कि तीनाें भाई अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में नहीं आते, यह लोग कहार है, जो पिछड़ी जाति के अंतर्गत आते है। इनके खानदान के अन्य लोगों को कहार जाति (पिछ़ड़ी जाति) का जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है।

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