घाट किनारे वैध-अवैध निर्माण आज से होंगे चिह्नित, घाट के किनारे अवैध निर्माण के खिलाफ होगी कार्रवाई
पहले से बने मकानों की वर्तमान स्थिति जानने और नए निर्माण चिह्नित करने के लिए विकास प्राधिकरण की 16 टीमें मंगलवार से सर्वे करने के लिए तैयार हैं।
वाराणसी, जेएनएन। गंगा के घाटों के किनारे 200 मीटर के दायरे में अवैध निर्माण रोकने, पहले से बने मकानों की वर्तमान स्थिति जानने और नए निर्माण चिह्नित करने के लिए विकास प्राधिकरण की 16 टीमें मंगलवार से सर्वे करने के लिए तैयार हैं। सभी टीमों को सोमवार को कार्यालय सभागार में प्रशिक्षण दिया गया। टीमों में शामिल जेई, सुपरवाइजर और चपरासी को बताया गया कि उन्हें किन बिंदुओं पर मौके पर सत्यापन करना है। मंगलवार से शनिवार के बीच टीम को पूरा सर्वे करना है। फिर अगले सप्ताह से टीम चिह्नित अवैध निर्माण को गिराने के साथ जर्जर मकानों को अनुमति देने के लिए गंगा घाट के किनारे कैंप लगाएगी।
गंगा घाट के किनारे 200 मीटर के दायरे में किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता। इसके अंदर सिर्फ जर्जर-जीर्ण-शीर्णमकानों के मरम्मत की अनुमति वीडीए देता है, बशर्ते उसके स्वरूप में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। फिर भी लोग उसके स्वरूप को बदल दे रहे थे। कुछ लोग तो मरम्मत के नाम पर अनुमति लेकर नया निर्माण तक कर चुके हैं। आए दिन अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर वीडीए वीसी ने गंगा घाट के किनारे छह वार्डों में 40 से 50 मकानों का अलग-अलग गाटा बनाया है। तीन-तीन लोगों की गठित टीम रोज एक गाटा का सत्यापन करेगी। एक टीम को 14 गाटा का सत्यापन करना है।
इन बिंदुओं पर टीम करेगी जांच : मकान नंबर, नया या पुराना निर्माण, निर्माण के प्रकार (क्षेत्रफल और मंजिल), नया निर्माण है तो अनुमति ली या नहीं, कौन मकान जर्जर या जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है। भवन स्वामी आवेदन कर सकता है या नहीं। भवन स्वामी का नाम, मोबाइल नंबर।
यह वार्ड लिए गए : नगवां, दशाश्वमेध, भेलूपुर, चौक, कोतवाली, आदमपुर।
बोले अधिकारी : गंगा घाट के किनारे 200 मीटर के दायरे में सर्वे करने के लिए 16 टीमें गठित की गई हैं। सर्वे करने के बाद उसकी क्रास चेकिंग कराई जाएगी, यदि किसी टीम ने गलत रिपोर्ट बनाई तो उसके खिलाफ कार्रवाई तय है। -राहुल पांडेय, उपाध्यक्ष वीडीए।