आइआइटी बीएचयू के छात्रों को 24 घंटे में हॉस्टल खाली करने का निर्देश, असमंजस में दूरस्थ राज्यों के छात्र
आइआइटी (बीएचयू) के रजिस्ट्रार प्रो.राजन श्रीवास्तव ने आधिकारिक वेबसाइट पर यह निर्देश जारी किया कि संस्थान के हॉस्टल में रहने वाले सभी छात्रों को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने स्वयं के हित में 16 अप्रैलतक हॉस्टल खाली कर दें और सुरक्षा के लिए अपने घरों को चले जाएं।
वाराणसी, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोविड-19 के भयावह रूप को देखते हुए आइआइटी (बीएचयू) ने अपने छात्रों को 16 अप्रैल की शाम तक हास्टल खाली करने के निर्देश दे दिए हैं। यह निर्देश मिलते ही छात्रों में हड़कंप मच गया। महज 24 घंटे के अंदर वे कहां और कैसे जाएं को लेकर असमंजस में पड़ गए हैं। ऐसी हालत में छात्रों ने आइआइटी निदेशक और कुलसचिव से आवागमन में आसन्न खतरों को देखते हुए हॉस्टल में ही बने रहने देने की सुविधा देने की मांग की है।
बुधवार को दोपहर आइआइटी (बीएचयू) के रजिस्ट्रार प्रो.राजन श्रीवास्तव ने आधिकारिक वेबसाइट पर यह निर्देश जारी किया कि वाराणसी में फैले कोविड-19 के बढ़ते खतरे और शहर के कई इलाकों में बनते हॉटस्पाट को देखते हुए संस्थान के हॉस्टल में रहने वाले सभी छात्रों को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने स्वयं के हित में, 16 अप्रैल, शुक्रवार की शाम तक हॉस्टल खाली कर दें और सुरक्षा के लिए अपने घरों को चले जाएं। उनकी वापसी के लिए निर्देश बाद में स्थिति के आकलन के बाद जारी किए जाएंगे। निर्देश में यह भी शामिल किया गया है कि हॉस्टल के व्यवस्थापक वार्डन/ वार्डन, छात्रों से इन निर्देशों का आवश्यक अनुपालन सुनिश्चित कराएं और छात्रों को कमरे खाली करने में सुविधा प्रदान करें। यह समाचार ज्योंहि आइआइटी छात्रों के बीच पहुंचा, उनमें बेचैनी फैल गई।
छात्रों ने बताया अव्यावहारिक आदेश, गिनाए यात्रा के खतरे
छात्रों का कहना है कि आइआइटी प्रशासन का यह कदम अव्यावहारिक है। इस समय कहीं भी यात्रा करना खतरों से खाली नहीं है। फिर 24 घंटे के अंदर छात्र कहां चले जाएंगे। हास्टल में इन दिनों दूरस्थ राज्यों महाराष्ट्र, केरल, उड़ीसा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बंगाल आदि अनेक राज्यों के छात्र-छात्राएं हैं। किसी भी ट्रेन में न तो सीटें खाली हैं और न अन्य कोई सुविधा, जिससे वे जा सकें। पब्लिक ट्रांसपोर्ट और भीड़ में जाना संक्रमण का जोखिम लेना है। ऐसे में संस्थान को चाहिए कि अपने छात्रों को सुरक्षित हॉस्टल में ही रहने दें। वैसे भी हम सभी पीएचडी के ही छात्र हैं, कहीं बाहर आ-जा नहीं रहे हैं। छात्रों को मेस व बिजली-पानी बंद करने की धमकी देना अनुचित है।
खतरों को देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए दी गई सलाह
यह कोई ऐसा बिल्कुल कठोर आदेश नहीं है, छात्रों को उनके घर तक पहुंचने में जो भी सुविधाएं होंगी, उनको मुहैया कराने की कोशिश की जाएगी। ऐसा सभी वार्डन को निर्देश भी दिया गया है। ऐसा भी नहीं है कि 16 को ही वे खाली कर दें, यह खतरों को देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए दी गई सलाह है।
-प्रो. राजन श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार, आइआइटी (बीएचयू)।