IIT BHU ने जड़ा हॉस्टल पर ताला, आइआइटी प्रशासन के फैसले से क्षुब्ध छात्र धरने पर बैठे

आइआइटी-बीएचयू के द्वारा हॉस्टल खाली कराने के विरोध में पीएचडी छात्र धरना दे रहे हैं। दो छात्रों के कोविड पॉजिटिव आने के बाद आइआइटी प्रशासन ने कहा है कि जल्द से जल्द हॉस्टल कर दिए जाएं उन पर ताला जड़ा जाएगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 02:13 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 02:13 PM (IST)
IIT BHU ने जड़ा हॉस्टल पर ताला, आइआइटी प्रशासन के फैसले से क्षुब्ध छात्र धरने पर बैठे
आइआइटी-बीएचयू के द्वारा हॉस्टल खाली कराने के विरोध में पीएचडी छात्र धरना दे रहे हैं।

वाराणसी, जेएनएन। आइआइटी-बीएचयू के द्वारा हॉस्टल खाली कराने के विरोध में पीएचडी छात्र धरना दे रहे हैं। दो छात्रों के कोविड पॉजिटिव आने के बाद आइआइटी प्रशासन ने कहा है कि जल्द से जल्द हॉस्टल कर दिए जाएं, उन पर ताला जड़ा जाएगा। इसके बाद हॉस्टल के गेट पर ताला जड़ दिया गया है। अब छात्रों का कहना है कि बाहर से खाने के लिए न कुछ ला सकता है और न ही कुछ मंगा सकता है। 

वहीं सारी सुविधाएं बिजली, मेस, पानी और इंटरनेट आदि भी बंद करने की बात कही गई है, जिसके बाद हॉस्टल में बचे करीब 8-10 छात्र क्षुब्ध होकर धरने पर बैठ गए। इसके पहले आइआइटी ने एक एडवाइजरी जारी कर हॉस्टल खाली करने की बात कही थी कि स्वेच्छापूर्वक छात्र घर चले गए। अब कोविड के मामले आने के बाद आइआइटी ने दो छात्रों का इलाज कराए बगैर उन्हें घर जाने की बात कह दी है और जबरन छात्रावास खाली कराया जा रहा है, जिसको लेकर इन छात्रों में रोष है। इसी को लेकर अपना विरोध प्रकट करने वे धरने पर बैठे हैं। अभी प्रशासन की ओर से कोई बीच-बचाव या निर्णय बदलने की जानकारी नहीं आई है। 

आइआइटी द्वारा कोरोना के दौर में आनलाइन क्लास चलाए जा रहे हैं, यही वजह है कि हॉस्टल से अधिकतर छात्र अपने घरों को लौट गए है लेकिन जिन छात्रों का घर दूर है, वे यहीं रह गए हैं। छात्रों ने आरोप लगाया कि आइआइटी के अधिकारियों द्वारा आज सुबह आठ बजे तक हॉस्टल खाली करने को बोला गया था, जबकि नोटिस में यह साफ लिखा गया है कि जो छात्र खुद से जाना चाहते हैं वे जा सकते हैं। मगर जो छात्र यहां रहकर पढ़ाई करना चाहते है उन्हें भी दबाव बनाकर धमकाया जा रहा है कि उनके हॉस्टल की लाइट और इंटरनेट काट दिया जाएगा। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि आइआइटी के कई छात्र कोरोना पॉजिटिव आए है लेकिन उनका इलाज करवाने के बजाए आइआइटी-बीएचयू अपने आप को बचाने के लिए छात्रों को घर भेजने का दबाव बना रहा।

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