अहम की आहुति देना चाहते हो तो झुकना सीखो, संत पार्श्‍वनाथ की जन्मभूमि वाराणसी में हुआ धर्मसभा का आयोजन

जो मन को वश में कर लेते हैं वही जीतते हैं। जीवन जीने के ये महामंत्र दिए दिगंबर जैन समाज के मुनि श्री 108 प्रमाण सागरजी ने। वह काशी पहुंचने के बाद भगवान संत पार्श्‍वनाथ की जन्मस्थली पर भक्तों के समुदाय को संबोधित कर रहे थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 06:34 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 06:51 PM (IST)
अहम की आहुति देना चाहते हो तो झुकना सीखो, संत पार्श्‍वनाथ की जन्मभूमि वाराणसी में हुआ धर्मसभा का आयोजन
काशी पहुंचने के बाद भगवान पार्श्‍वनाथ की जन्मस्थली पर भक्तों के समुदाय को संबोधित कर रहे थे।

वाराणसी, जेएनएन। अहंकारी को अपनी उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है और विनम्रता स्वयं व्यक्ति की उपस्थिति बता देती है। अहम की आहुति देना चाहते हो तो झुकना सीखो। धर्म करना लक्ष्य नहीं अपितु धर्म को अंतर में उतारना लक्ष्य होना चाहिए। जो मन के वश में होते हैं वे संसार में हारते हैं, जो मन को वश में कर लेते हैं वही जीतते हैं। जीवन जीने के ये महामंत्र दिए दिगंबर जैन समाज के मुनि श्री 108 प्रमाण सागरजी ने। वह काशी पहुंचने के बाद भगवान संत पार्श्‍वनाथ की जन्मस्थली पर भक्तों के समुदाय को संबोधित कर रहे थे।

उत्तर प्रदेश सरकार के राजकीय अतिथि मुनिश्री ने आगे कहा कि भगवान पाश्र्वनाथजी की इस जन्मभूमि पर हम सब एकत्र हैं। वह एक ऐसे तीर्थंकर जो उपसर्ग विजेता थे। वह अपार कष्ट देने वालों को क्षमा ही नहीं करते थे अपितु उससे भी क्षमा मांगते थे। हमें मंदिर में उनके सिर्फ दर्शन पूजन नहीं करना है, वरन उनके बताए हुए मार्ग का अनुसरण करना है।

इसके पूर्व मंदिर में प्रवेश करते हुए मुनिश्री ने दर्शन पूजन एवं शांति धारा में भाग लिया। इसके बाद धर्मसभा का शुभारंभ मंगलाचरण नृत्य एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। सायंकाल विश्व प्रसिद्ध शंका समाधान का कार्यक्रम हुआ। लाइव टेलीकास्ट के इस कार्यक्रम में पूरे देश से लोगों ने प्रश्न किए। मुनश्री ने उनकी समस्याओं का निदान बताया और जिज्ञासाओं को शांत किया। कार्यक्रम का संचालन पंडित डा. कमलेश जैन शास्त्री ने किया। इस मौके पर दीपक जैन, राजेश जैन, सौरभ जैन, प्रमिला सांवरिया, तरुण जैन, विनोद जैन, आकाश जैन आदि थे।

काशी पहुंचा पदयात्री जैन मुनियों का काफिला, दर्शन कर कृतकृत्य हुए श्रद्धालु

सत्य, हिंसा की स्थापना के लिए पूरे भारत की पदयात्रा करने निकले दिगंबर जैन मुनियों का काफिला सोमवार की सुबह काशी पहुंचा। यहां संतों का यह जमावड़ा चार दिनों तक प्रवास करते हुए राष्ट्रीय स्तर के धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करेगा। इसमें भाग लेने के लिए पूरे देश से श्रद्धालु पहले ही पहुंच चुके हैं।

मड़ैला मोड़ पर पहुंचेे भक्तों ने मुनियों के काफिले का जयकारों के साथ भव्य स्वागत किया। वहां से अहिंसा रथ, हाथी-घोड़े, बैंड बाजा, ताशा, झंडी-झंडों के दिव्य समूह के साथ लोगों ने शोभायात्रा निकाली, जयकारे लगाते, नाचते-गाते, झूमते मड़ुआडीह महमूरगंज होते अरिहंत डायग्नोस्टिक सेंटर पहुंचे। वहां भी श्रद्धालुओं ने मुनियों का पद प्रक्षालन करते हुए उनका आशीर्वाद लिया। सुप्रसिद्ध जैन मुनि संत शिरोमणि आचार्य 108 श्री विद्यासागरजी के परम प्रभावक मुनि श्री 108 प्रमाण सागरजी महाराज (ससंघ) एवं मुनि श्री 108 अरह सागर जी महाराज के नेतृत्व में पहुंचा पदयात्री मुनियों का यह काफिला भक्तों के साथ रथयात्रा, कमच्छा होते हुए भगवान पाश्र्वनाथ की जन्मस्थली भेलूपुर पहुंचा। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में मंदिर में विविध धार्मिक अनुष्ठान आरंभ हुए। इस दौरान सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था देखने को मिली। मुनिश्री के सानिध्य में सायंकाल सामूहिक प्रतिक्रमण, गुरु भक्ति, आनंद यात्रा एवं आरती का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर समाज के अध्यक्ष दीपक जैन के नेतृत्व में देश के विभिन्न राज्यों से आए समाज के श्रद्धालुओं के अतिरिक्त प्रमुख रूप से अरुण जैन, राजेश जैन, आरसी जैन, विनोद जैन, संजय जैन, तरुण जैन, सौरभ जैन, विनोद आदि थे।

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