प्रश्न प्रहर : आत्मनिर्भर बनना है तो वस्त्र उद्योग में करें स्टार्ट अप, ऋण लेकर स्थापित कर सकते हैं इकाई

वस्त्र उद्योग पूर्वांचल की आर्थिक रीढ़ है। यहां बुनकरों के बड़े क्लस्टर हैं। आत्मनिर्भर बनने की चाह रखने वाले वाराणसी और पूर्वांचल के युवा इस क्षेत्र में स्टार्ट अप कर सकते हैं। सरकार भी इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 06:36 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 06:36 PM (IST)
प्रश्न प्रहर : आत्मनिर्भर बनना है तो वस्त्र उद्योग में करें स्टार्ट अप, ऋण लेकर स्थापित कर सकते हैं इकाई
दैनिक जागरण कार्यालय में प्रश्न प्रहर में सहायक आयुक्त डा. नितेश धवन से लोगों ने सवाल पूछे।

वाराणसी, जेएनएन। वस्त्र उद्योग पूर्वांचल की आर्थिक रीढ़ है। यहां बुनकरों के बड़े क्लस्टर हैं। आत्मनिर्भर बनने की चाह रखने वाले युवा इस क्षेत्र में स्टार्ट अप कर सकते हैं। सरकार भी इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने अभी सोमवार को प्रस्तुत बजट में ओडीओपी के तहत 250 करोड़ रुपयों का तो समर्थ योजना के तहत 1300 करोड़ का आवंटन किया है। यही नहीं, सरकार ने वस्त्रोद्योग क्षेत्र में सरकार ने 2022 तक 25000 युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। मंगलवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में सहायक आयुक्त डा. नितेश धवन से लोगों ने इस संबंध खूब सवाल पूछे। उन्होंने बताया कि इसके लिए बैंक से सस्ती दरों पर ऋण लेकर कम लागत से भी काम शुरू किया जा सकता है।

0-वस्त्र उद्योग स्थापित करने के लिए कम दाम में मशीन मिलेगी क्या।

-गोपाल तिवारी, विशुनपुरा, बलिया।

-जरूर, पावरलूम लगाने के लिए 1.5 लाख रुपये में सेमी आटो मशीन मिल जाएगी। आटोमेटिक मशीन के लिए दो से ढाई लाख रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं। हैंडलूम 25 हजार रुपये में ही आ जाएगा। इस तरह से दो से ढाई लाख तक की पूंजी में अपने उद्योग का स्टार्ट अप कर सकते हैं।

0-ग्रामीण स्वरोजगार योजना के तहत मोबाइल रिपेयरिंग का काम शुरू करना चाहता हूं।

-धर्मेंद्र कुमार, सोनभद्र।

-इसके लिए जिला उद्योग केंद्र से एमएसएमई योजना के तहत संपर्क करें।

-वस्त्र उद्योग में इकाई स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण और ऋण की क्या व्यवस्था है।

-वीरेंद्र कुशवाहा, बैरिया, बलिया।

-हथकरघा और पावरलूम के संचालन का प्रशिक्षण लेकर नया रोजगार शुरू कर सकते हैं। भारत सरकार की समर्थ योजना के बुनाई में 45 दिन व डाइंग तथा रंगाई में 15-15 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके लिए छह फीसद की दर से प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना के तहत लोन भी ले सकते हैं। इस योजना में 10,000 रुपये की मार्जिन मनी भी मिलेगी। अधिक जानकारी के लिए प्रभारी सहायक आयुक्त हथकरघा गोरखपुर परिक्षेत्र से संपर्क कर सकते हैं।

0-हथकरघा उद्योग पर कितनी ऋण अदायगी करनी होगी और कैसे।

-आरपी यादव, सीतामढ़ी, बनकट, भदोही।

-प्रधानमंत्री हथकरघा बुनकर योजना के तहत 51 हजार से पांच लाख रुपये तक के ऋण ले सकते हैं। ब्याज दर छह फीसद होगी। शेष 5 फीसद भारत सरकार देगी। इस योजना में अधिकतम 7 फीसद ऋण उपादान है। भारत सरकार 10 हजार रुपये की मार्जिन मनी भी देती है। पूरा ऋण तीन साल में अदा करना होगा। ऋण के लिए कुछ भी गारंटी या गिरवी नहीं रखना होगा।

0-खादी ग्रामोद्योग में प्रशिक्षण लिया है, क्या ऋण मिल सकता है।

-प्रेमनाथ शुक्ल, कोइरौना भदोही।

-प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से ऋण ले सकते हैं।

0-क्या समूह की महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और ऋण की सुविधा है।

- वीरेंद्र राय, अमिला, मऊ।

-बिलकुल, इसके लिए एनआरएलएम उपायुक्त कार्यालय से संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए सहायक आयुक्त हथकरघा मऊ से 9450890911 पर संपर्क कर सकते हैं।

0-बुनाई से जुड़े युवाओं और हथकरघा बुनकरों के लिए क्या योजनाएं हैं।

-चंदन कुमार जायसवाल, जौनपुर।

-युवाओं के लिए विभाग से छात्रवृत्ति योजना संचालित है। व्यावसायिक पाठयक्रम के तहत इंटर कालेजों से 11वीं व 12वीं के बुनाई-कताई के छात्रों को 5000 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति की योजना लागू है। इसी तरह किसी समिति से जुड़े 15 से 22 वर्ष के युवा बुनकरों के लिए जो बुनाई, रंगाई, कताई में लगे हैं, 1000 रुपये प्रतिमाह वजीफा दिया जाता है। व्यासायिक पाठयक्रम संचालित करने वाले इंटर कालेजों में कताई-बुनाई प्रयोगशाला के जीर्णोद्धार के लिए पांच लाख रुपये एकमुश्त दिया जाता है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले बुनकरों की बेटियों के विवाह के लिए 30 हजार रुपये बहबूदी फंड है।

0-बेटियां पोस्ट ग्रेजुएट हैं। क्या घरों में रहकर वे भी हथकरघा से जुड़कर कुछ कर सकती हैं।

-आशा, बड़ी पियरी, वाराणसी।

-नेशनल इंस्टीटयूट आफ फैशन टेक्नालोजी चौकाघाट, वाराणसी में है। वहां से या आइआइएसटी से कम अवधि के डिजाइनिंग, बुनाई, इंब्रायडरी आदि में प्रशिक्षण लेकर अपना काम शुरू कर सकती हैं। महज 150 वर्ग फीट की जगह में लूम लग सकता है, इसके लिए सरकार द्वारा संचालित अनुदान योजनाओं का लाभ ले सकती हैं। ज्यादा जानकारी के लिए बुनकर सेवा केंद्र से 7000849045 पर संपर्क कर सकती हैं।

0-टेक्सटाइल से बीटेक हूं। यार्न में स्पेशलाइजेशन है। लाकडाउन में नौकरी छोड़कर घर आ गया, अब घर रहकर ही कुछ करना चाहता हूं। क्या विकल्प हैं।

-प्रणव शुक्ला, जंगीगंज भदोही।

-यार्न में विशेषज्ञता है तो काफी स्कोप है आपके लिए। भदोही में एक्सपो मार्ट से जुड़ सकते हैं। इंडियन इंस्टीटयूट आफ कार्पेट टेक्नालाजी से भी जुड़ सकते हैं। आउटलाइन मार्केटिंग कर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। स्टार्ट अप के लिए जिला उद्योग केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

इन्होंने भी पूछे सवाल

चंदन कुमार जायसवाल जौनपुर, शिवम गुप्ता जौनपुर, विजय राजभर बडग़हन आजमगढ़।

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