जनता करें सहयोग तो न मलबा दिखेगा न ही कचरा, स्वच्छ होगा शहर, बोले वाराणसी के नगर आयुक्त प्रणय सिंह
स्वच्छ भारत मिशन को मुकाम तक ले जाने के लिए संकल्पित नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने व्यापक रूपरेखा तैयार की है। लक्ष्य रखा है कि शहर के किसी कोने में न तो मलबा दिखेगा और न ही कचरा। इसके लिए ब्लू प्रिंट तैयार है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। स्वच्छ भारत मिशन को मुकाम तक ले जाने के लिए संकल्पित नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने व्यापक रूपरेखा तैयार की है। लक्ष्य रखा है कि शहर के किसी कोने में न तो मलबा दिखेगा और न ही कचरा। इसके लिए ब्लू प्रिंट तैयार है। संसाधनों की खरीद भी हो चुकी है। दीपावली को लक्ष्य कर सफाई अभियान शुरू होगा। अतिक्रमण हटाने के लिए भी अभियान चलेगा। पशुपालन भी शहर के बाहर करने के लिए नियमानुसार सख्ती हो रही है।
प्रश्न : स्वच्छ भारत मिशन के लिए क्या लक्ष्य है।
उत्तर : स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक बहुत से कार्य हुए हैं। घर-घर कूड़ा उठान भी हो रहा है। बस घर से ही सूखा व गीला कचरा उठान की कवायद को मूर्तरूप देना है जिसके लिए जनता का सहयोग आपेक्षित है। यदि जनता ने साथ दिया तो शहर में न मलबा दिखेगा न ही कचरा। सड़क से लेकर गलियां तक स्वच्छ नजर आएंगी। रमना में नया प्लांट स्थापित होगा जहां कचरे से कोयला बनेगा। इसके अलावा करसड़ा में खाद बनाने का कार्य होगा।
प्रश्न : दूषित पेयजल आपूर्ति व सीवेज ओवरफ्लो से कब मिलेगी निजात।
उत्तर : दूषित पेयजल आपूर्ति पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कार्यवाही हो रही है। ओवरहेड टंकियों को स्थानीय पार्षद की मौजूदगी में सफाई कराने के साथ ही लीकेज को अविलंब दुरुस्त करने का आदेश जलकल विभाग को दिया गया है। जल निगम को 108 करोड़ का बजट मिला है जिससे सिस वरुणा की नई पेयजल योजना को पूर्ण कराया जाएगा। वहीं, सीवेज ओवरफ्लो की समस्या शाही नाले का काम पूरा होते ही दूर हो जाएगी।
प्रश्न : स्मार्ट हो रही गलियों में बेतरतीब कार्य को कौन रोकेगा।
उत्तर : ऐसी शिकायत मिल रही है कि जिन गलियों व सड़कों को स्मार्ट सिटी कंपनी से विकसित कराया जा रहा है वहां, बेतरतीब कार्य हो रहे हैं। इसके लिए स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों को ताकीद कराया गया है। मैं खुद भी निगरानी कर रहा हूं। इन दिनों शिकायतें भी नहीं आ रही हैं।
प्रश्न : गंगा घाट की सफाई को लेकर क्या कदम उठाए गए।
उत्तर : गंगा घाट की सफाई को लेकर एक निजी कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है। 24 घंटे सातों दिन प्रमुख घाटों पर सफाई करनी है। इसके अलावा अन्य घाटों पर दो वक्त सफाई होनी है। वहीं, गंगा में फेंकी गंदगी की सफाई के लिए मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्रश्न : नगर निगम के घाटे के बजट को कैसे लाभ का बजट बनाएंगे।
उत्तर : नगर निगम के बजट को बेहतर करने के लिए राजस्व वसूली पर जोर दिया गया है। गृहकर, लाइसेंस शुल्क समेत अन्य मदों की वसूली को लेकर सख्ती हुई है। वहीं, ऐसे घरों को भी गृहकर के दायरे में लाया जा रहा है जो नए बने हैं या फिर अब तक कर नहीं दे रहे थे।