त्रिनेत्र एप पर एक क्लिक में खुल जाएगी चंदौली के अपराधियों की कुंडली, कंप्यूटर में फीड हो रहा अपराधियों का डाटा

अपराध पर लगाम लगाने के लिए चंदौली की पुलिस ने त्रिनेत्र एप्लिकेशन विकसित किया है। इस पर एक क्लिक पर अपराधियों की कुंडली खुल जाएगी। थाना स्तर पर अपराधियों का डाटा कंप्यूटर में फीड कर आनलाइन किया जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 08:30 AM (IST)
त्रिनेत्र एप पर एक क्लिक में खुल जाएगी चंदौली के अपराधियों की कुंडली, कंप्यूटर में फीड हो रहा अपराधियों का डाटा
अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने त्रिनेत्र एप्लिकेशन विकसित किया है।

चंदौली, जागरण संवाददाता। अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने त्रिनेत्र एप्लिकेशन विकसित किया है। इस पर एक क्लिक पर अपराधियों की कुंडली खुल जाएगी। थाना स्तर पर अपराधियों का डाटा कंप्यूटर में फीड कर आनलाइन किया जा रहा है। एसपी अमित कुमार ने गुरुवार को वर्चुअल मीटिंग में थानाध्यक्षों को टिप्स दिए। तकनीकी की मदद से अपराधियों की धरपकड़ और अपराध नियंत्रण में सहूलियत होगी।

आइजी एसके भगत की पहल पर त्रिनेत्र एप्लिकेशन विकसित किया गया है। इस पर जिले के सभी अपराधियों का आपराधिक रिकार्ड अपलोड किया जाएगा। जिले के सभी थानों में अपराधियों का डाटा कंप्यूटर में फीड किया जा रहा है। यही डाटा एप्लिकेशन पर अपलोड कर दिया जाएगा। इससे पुलिस को अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद उसके आपराधिक रिकार्ड की जानकारी प्राप्त करना आसान होगा। एसपी ने थानाध्यक्षों को अपराधियों की सूचनाएं इकट्ठा कर आनलाइन करने के निर्देश दिए। बोले, त्रिनेत्र एप्लिकेशन जितना समृद्ध होगा, पुलिस का काम उतना ही आसान होगा। इसलिए सभी थानों में अपराधियों के डाटा की आनलाइन फीडिंग कराई जाए।

ऐसे काम करता है एप्लिकेशन

एसपी के अनुसार पुलिस अगर किसी संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेकर उसका आपराधिक रिकार्ड जानना चाहती है तो उसे किसी थाने से पूछताछ नहीं करनी होगी। संदिग्ध व्यक्ति का नाम और फोटो एप्लिकेशन में डालकर सर्च करने पर उसका पूरा रिकार्ड खुल जाएगा। फोटो के जरिए चेहरे का मिलान कर संबंधित व्यक्ति के बारे में पुष्टि की जा सकती है। यह एप्लिकेशन सीधे जेल की विचारार्थ कैदी प्रबंधन प्रणाली से जुड़ा है। इससे सजायाफ्ता व विधाराधीन कैदियों के बारे में तमाम जानकारी हासिल की जा सकती है। यह जेल के अंडर ट्रायल मैनेजमेंट सिस्टम (यूटीएमएस) के यूपी-112 भवन में स्थापित 'त्रिनेत्र' सर्वर से भी जुड़ा है।

दो विचाराधीन बंदियों को जमानत

कोरोना संक्रमण की वजह से जेल में बंदियों की संख्या कम की जा रही है। इसी क्रम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्याम बाबू की अदालत ने गुरुवार को सात साल तक की सजा वाले दो विचाराधीन बंदियों को जमानत दे दी। उन्हें आठ सप्ताह की जमानत दी गई है। निर्धारित अवधि के बाद दोबारा कारागार जाना होगा। पुलिस जमानत पर रिहा हुए विचाराधीन बंदियों पर नजर रखेगी। वहीं मियाद पूरी होने के बाद उन्हें जेल भेजवाना सुनिश्चित करेगी।

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