वाराणसी में 50 से अधिक अपराधियों की खुलेगी हिस्ट्रीशीट, जल्द कसेगा कानूनी शिकंजा
एडिशनल पुलिस कमिश्नर का चार्ज संभालने वाले अधिकारी सुभाष चंद दुबे ने महज डेढ़ माह के भीतर इस कमी की भरपाई कर डाली है। एक के बाद एक कार्रवाई से अपराधी घबराने लगे हैं। अब 50 से अधिक बदमाशों की हिस्ट्रीशीट भी खोलने का निर्देश थानाध्यक्षों को दिया गया है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद बनारस में अपराध करने वालों की उलटी गिनती शुरू हो गई है। हालांकि पुलिसकर्मियों को ट्रेंड करने व संसाधन जुटाने में तीन-चार माह लग गए। मगर छह अगस्त 2021 को एडिशनल पुलिस कमिश्नर (हेडक्वार्टर एंड क्राइम) का चार्ज संभालने वाले अधिकारी सुभाष चंद दुबे ने महज डेढ़ माह के भीतर ही इस कमी की भरपाई कर डाली है। एक के बाद एक कार्रवाई से अपराधी घबराने लगे हैं। अब 50 से अधिक बदमाशों की हिस्ट्रीशीट भी खोलने का निर्देश थानाध्यक्षों को दिया गया है।
पुलिस हर 15 दिन पर बदमाशों के घर जाएगी। अपराधी वर्तमान में कहां हैं, क्या कर रहे हैं आदि का पुलिस सत्यापन करेगी और थानाध्यक्ष उनकी रिपोर्ट को अपडेट करते रहेंगे। एक तरह से कहा जा सकता है कि जिनकी भी हिस्ट्रीशीट खुलेगी, वे लगातार पुलिस के रडार पर रहेंगे। उनकी हर हरकत पर पुलिस की निगाह होगी। इनामी अपराधियों पर अगले दो-तीन माह के भीतर ठोस कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गत माह गंभीर अपराधों में लिप्त 102 अपराधियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई। सितंबर के अंतिम सप्ताह में भी करीब 100 अपराधी इसकी जद में आएंगे। इसके लिए करीब 35 भू-माफियाओं के अलावा गोकुशी में लिप्त 50 से अधिक शातिर अपराधियों की सूची तैयार है। अवैध साधनों से अर्जित अपराधियों की संपत्तियां जब्त होंगी।
शालीनता का पढ़ाया जा रहा पाठ : कमिश्नरेट व्यवस्था में पुलिस के काम करने का तरीका बदल गया है। किसी भी घटना की न केवल त्वरित रिपोर्टिंग हो रही है, बल्कि परिणाम भी कम समय में दिया जा रहा है। पुलिसकर्मियों को जनता से संवाद के दौरान शालीनता के साथ पेश आने की लगातार ताकीद की जा रही है। फरियादियों अथवा आमजन के साथ खराब व्यवहार करने वालों के खिलाफ शिकायत मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा रही है। जल्द ही कानून व्यवस्था में आमूल चूल बदलाव भी शहर में नजर आने लगेगा।