नमो देव्यै महादेव्यै : आधी आबादी को संबल प्रदान कर आत्मनिर्भर बना रहीं हिना देसाई
महिलाओं उत्पीड़न व घरेलू हिंसा के खिलाफ आधी आबादी को संबल प्रदान करने के साथ ही उनके अधिकारों की जानकारी देना सुरक्षित जिंदगी जीने का संबल प्रदान करना हिना देसाई की दैनिक दिनचर्या में शामिल हो गया है।
आजमगढ़, जागरण संवाददाता। महिलाओं उत्पीड़न व घरेलू हिंसा के खिलाफ आधी आबादी को संबल प्रदान करने के साथ ही उनके अधिकारों की जानकारी देना, सुरक्षित जिंदगी जीने का संबल प्रदान करना हिना देसाई की दैनिक दिनचर्या में शामिल हो गया है। यह कार्य इन्होंने चंद दिनाें में नहीं बल्कि दो दशक से अधिक समय से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही आत्मसंबल प्रदान कर रही हैं। ये श्री रामानंद सरस्वती पुस्तकालय जोकहरा की निदेशक हैं। यहां महिलाओं के लिए विविध कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
हिना देसाई मूल रूप से अहमदबाद की हैं। बी.काम करने के बाद वह चार्टर्ड एकाउंटेंट बनीं और व्यवसाय भी शुरू किया। एक अंग्रेजी अखबार से जुड़े इनके पति दर्शन देसाई को वर्ष 2008 में श्री रामानंद सरस्वती पुस्तकालय जोकहरा में आने का निमंत्रण मिला था। उनके साथ हिना देसाई भी आई थीं। गांव की महिलाओं के बारे में जाना तो सोचा कि अहमदाबाद में हर घर में महिलाएं कुछ न कुछ कर रही हैं। यहां भी महिलाओं में तमाम प्रतिभाएं दिख रही हैं। अहमदाबाद जैसा काम यहां की भी महिलाएं कर सकती हैं। हिना देसाई ने यहीं रहकर कुछ करने का फैसला लिया। इसके बाद उन्होंने नारी उत्थान की दिशा में काम करना शुरू किया। महिलाओं के मार्गदर्शन के लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती हैं।
महिला हिंसा के खिलाफ जहां एक फौज खड़ी कर दी वहीं फोटोग्राफी, पेपरवेट व तौलिया आदि बनाने का प्रशिक्षण देकर रोजगार से भी जोड़ा। घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पहले उनके स्वजन से बात करती हैं। मामला यदि नहीं हल हुआ तो थाने से लेकर अधिकारियों तक उन्हें पहुंचाने में मदद करती हैं। महिला हिंसा के मामले में वह खुद हस्तक्षेप करती हैं। ज्यादातर मामलों का वह निबटारा करने की कोशिश करती हैं। जरूरत पड़ी तो वह पुलिस तक भी मामला पहुंचाती हैं।
बोलीं हिना देसाई : ‘‘महिला हिंसा के तमाम कार्यक्रम गांव व जिला स्तर भी करती रहती हूं। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने का प्रयास जारी है। साथ ही छोटे-मोटे कार्य का प्रशिक्षण देकर राेजगार के अवसर भी प्रदान किया जा रहा है। -हिना देसाई, निदेशिका।