वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर मारकुंडी घाटी के पास वीरता और अटूट प्रेम की निशानी है वीर लोरिक पत्थर

वीरता व अटूट प्रेम की निशानी वीर लोरिक पत्थर पर शनिवार को गोवर्धन पूजा का आयोजन होगा। मध्य प्रदेश झारखंड छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों से सटे सोनभद्र की अति व्यस्त सड़क वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर मारकुंडी घाटी के पास आज भी वह पत्थर जस का तस खड़ा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 04 Nov 2021 12:35 PM (IST) Updated:Thu, 04 Nov 2021 12:35 PM (IST)
वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर मारकुंडी घाटी के पास वीरता और अटूट प्रेम की निशानी है वीर लोरिक पत्थर
मारकुंडी घाटी स्थित वीर लोरिक पत्थर के पास दीप जलाते गोवर्धन पूजा समिति के सदस्य

जागरण संवाददाता, सोनभद्र। वीरता व अटूट प्रेम की निशानी वीर लोरिक पत्थर पर शनिवार को गोवर्धन पूजा का आयोजन होगा। मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों से सटे सोनभद्र की अति व्यस्त सड़क वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर मारकुंडी घाटी के पास आज भी वह पत्थर जस का तस खड़ा है, मान्यता के अनुसार इसे बलिया के वीर लोरिक ने अपनी बलशाली भुजाओं से खंडित किया था। अगोरी स्टेट की मंजरी व लोरिक के अमर प्रेम का गवाह घाटी का पत्थर आज प्रेम के असली मायने को सिखाता है। इस ऐतिहासिक पत्थर के समीप ही हर साल विराट गोवर्धन पूजा किया जाता है। इस साल यह कार्यक्रम छह नवंबर को आयोजित की जाएगी। गोवर्धन पूजा के मौके पर यहां एक साल के मौसम की भविष्यवाणी भी की जाती है।

बागी बलिया के वीर ने दिया था प्रेम प्रस्ताव

अपनी संस्कृति और विरासत के प्रति जवाबदेह यह खंडित पत्थर बागी बलिया के वीर लोरिक व अगोरी की मंजरी के अखंड प्रेम की निशानी के रुप में खड़ा है। विराट गोवर्धन पूजा समिति के संरक्षक मंडल सदस्य रोशन लाल यादव बताते हैं कि जिस समय बलिया जिले के गौरा के रहने वाले वीर लोरिक ने करीब 200 किमी दूर सोनभद्र के अगोरी स्टेट की रहने वाली मंजरी को अपना प्रेम प्रस्ताव दिया, तो मंजरी मन ही मन खुश हो गईं थी। मंजरी को देखने के बाद वीर लोरिक ने सोच लिया था कि वो मंजरी के अलावा किसी से ब्याह नहीं करेगा। लोरिक बहुत ही बलवान थे। इधर, मंजरी पर अगोरी के राजा मुलागत की निगाह थी। राजा के बारे में कहा जाता है कि राजा काफी अत्याचारी था। जब मंजरी और लोरिक के प्यार के बारे में मंजरी के पिता को पता चला तो वो भयभीत हो गया क्योंकि वह मुलागत के कृत्यों से पूरी तरह से वाकिफ था। ऐसे में मंजरी के पिता ने लोरिक से तत्काल संपर्क किया और मंजरी से जिसका घर का नाम चंदा था। तत्काल विवाह करने को कहा।

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