Hello Doctor : स्वस्थ रहना है तो स्वच्छता, व्यायाम और खानपान का रखना होगा ध्यान

कोरोना काल में अपनाई जा रही स्वच्छता संबंधी आदतों के कारण न केवल पेट संबंधी बल्कि अन्य बीमारियों में भी कमी आई है। मास्क लगाने की आदत ने लोगों को श्वसन संबंधी रोगों से बचाया तो वहीं टीबी जैसे संक्रामक रोगों से भी हिफाजत की।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 06:40 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 09:15 AM (IST)
Hello Doctor : स्वस्थ रहना है तो स्वच्छता, व्यायाम और खानपान का रखना होगा ध्यान
हैलो डाक्टर में मरीज से बात करते डाक्टर हेमंत गुप्त।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना काल में अपनाई जा रही स्वच्छता संबंधी आदतों के कारण न केवल पेट संबंधी बल्कि अन्य बीमारियों में भी कमी आई है। मास्क लगाने की आदत ने लोगों को श्वसन संबंधी रोगों से बचाया तो वहीं टीबी जैसे संक्रामक रोगों से भी हिफाजत की। स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता संबंधी इन आदतों की भविष्य में भी जरूरत है। कुल मिलाकर बात केवल यही है कि स्वस्थ रहना है तो स्वच्छता के साथ ही व्यायाम और डायट यानी खान-पान का विशेष ध्यान रखना होगा। यदि आप कम तेल-मसालों का सेवन करते हैं और नियमित तौर पर व्यायाम करते हैं तो पेट संबंधी व अन्य बीमारियों से 90 फीसद तक स्वयं का बचाव कर सकते हैं। यह बातें वरिष्ठ गैस्ट्रोइंट्रोलाजिस्ट डा. हेमंत गुप्ता ने बुधवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हैलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए कही।

डा. हेमंत ने बताया कि अनियमित दिनचर्या व खान-पान से मोटापे की समस्या होने लगती है, जो आगे चलकर हृदय, किडनी, लिवर आदि रोगों का भी कारण बनता है। मोटापे से तकरीबन 30 तरह के रोग जुड़े हैं, जिनमें डायबीटिज, हृदय रोग, हायपरटेंशन, ओस्टियो-आर्थराइटिस, अनिद्रा, फेफड़ों के रोग, स्ट्रोक, गालस्टोन्स, प्रोस्टेट, गर्भाशय और अंडाशय के कैंसर का जोखिम, प्रजनन में मुश्किल, त्वचा के संक्रमण और इंडोक्राइन विकार आदि शामिल है।

पेट संबंधी बीमारियों के बढ़े रोगी

पहले के जमाने में लोग बढिय़ां डायट रखते थे, क्योंकि उन्हें शारीरिक श्रम अधिक करना होता था। मगर अब पौष्टिक भोजन लेने के बाद आराम फरमा रहे हैं। पैदल चलने की आदत खत्म होती जा रही है तो वहीं शारीरिक श्रम को लेकर भी लोग शिथिल हुए हैं। इस कारण पेट के रोगियों की संख्या भी बढ़ी है।

०  भोजन लेने के बाद पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द रहता है और खूब डकार आती है।

- यह गैस का लक्षण दिख रहा है। तेल-घी, मसालों का सेवन कम करें। वहीं सुर्ती-पान मसाला बंद करें। सुबह खाली पेट राजो-डी टेबलेट लें। दो सप्ताह का यह कोर्स करें। आराम न हो तो इंडोस्कोपी कराएं।

० गैस्ट्रो का मरीज हूं। प्रोस्टेट का आपरेशन भी करा चुका हूं। अभी भी बार-बार पेशाब लग रही है।

- यह प्रोस्टेट का मामला है। आपरेशन के बाद भी प्रोस्टेट कई बार बढ़ जाता है। अपने चिकित्सक को दिखाएं। प्रोस्टेट कम होने पर आरसी फैक्स का एक सप्ताह का कोर्स चलाएं।

० ग्रामीण क्षेत्र में पेट संबंधी दिक्कत होने पर क्या किया जा सकता है।

- गांव में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। वहां इलाज उपलब्ध है। जरूरत के मुताबिक डाक्टर स्वयं ही बड़े सरकारी अस्पताल में रेफर कर देंगे।

० गैस अधिक बन रही है और पेट भी साफ नहीं रहता।

- तेल-मसाले का सेवन कम करें। ईसबगोल की भूसी दो चम्मच रात को सोते समय गुनगुने पानी से लें। वहीं राजो-डी एक गोली नाश्ते से पहले लें और रोजाना कम से कम पांच किलोमीटर पैदल टहलें।

० 75 साल की अवस्था है। हार्ट व बीपी का मरीज भी हूं। पिछले चार-पांच महीने से भोजन करने से पहले बहुत गैस बनने लगती है।

- ईकोस्प्रिन से गैस की समस्या होती है। मगर यह हार्ट के लिए जरूरी दवा है। राजो-डी एक गोली रोजाना सुबह खाली पेट लें। इसके बाद भी गैस बनने पर अपने चिकित्सक से मिलकर हार्ट की दवा में बदलाव करा सकते हैं।

० बिना कुछ खाए भी डकार आती है।

- पैन-डी की एक गोली रोज नाश्ते से पहले खाली पेट लें। तेल-मसाला कम करें। व्यायाम करें और खूब टहलें।

० पेट में हमेशा गड़बड़ बनी रहती है। जांच में भी कुछ नहीं निकला।

- तंबाकू बंद कर दें। डीवीएन-80 व आरसी-फैक्स 550 एमएल की एक-एक गोली सुबह-शाम लें। दूध का सेवन बंद कर दें। तेल-मसाले का सेवन कम करें। सुबह-सवेरे खूब टहलें और व्यायाम करें।

०- मेरी 13 साल की बच्ची पिछले छह-सात साल से गैस की समस्या से जूझ रही है।

- बच्ची को दूध न दें। इसके बादले दही दिया जा सकता है। वहीं तेल मसाले युक्त भोजन भी कम से कम दें। फिर भी आराम न मिले तो विशेषज्ञ को दिखाएं।

० पापा को लिवर सिरोसिस है। उनकी डायट कैसी हो।

- इसमें नमक देने से शरीर में सूजन आ जाती है। इसलिए नमक कम देते हैं। तीन से चार ग्राम प्रतिदिन साधारण नमक देना होता है। सामान्य भोजन में दाल, रोटी, सब्जी दें। 40 ग्राम तक प्रोटीन दिया जा सकता है। ऐसे में सप्ताह में दो-तीन बार मछली, चिकन आदि दे सकते हैं। चूंकि इसमें जीवन भर दवा चलती है, इसलिए समस-समय पर चेकअप कराती रहें। इसके लिए फाइब्रोस्कैन होता है या कई जगहों पर यह ब्लड टेस्ट से पता लगाया जाता है।

० पिछले छह दिन से मरोड़ के साथ शौच हो रहा है।

-खाने-पीने में दिक्कत है। हल्का भोजन लें। दूध न पियें। ओएफटी एक गोली सुबह-शाम पांच दिन तक लें। आराम होगा।

० लिवर में समस्या थी, जिसकी वजह से वजन कम हो गया। अब आराम है, लेकिन वजन नहीं बढ़ रहा।

- पैन-डी - एक गोली रोज सुबह खाली पेट लें। वहीं ताकत के लिए कोई कैप्शूल ले सकती हैं। इसके बाद भी आराम न मिले तो आपको इंडोस्कोपी कराना होगा।

० डेढ़ साल से गैस की समस्या बनी हुई है। पेट भी गड़बड़ रहता है। दुर्घटना देखने पर घबराहट होती है।

- घबराहट के लिए ऐसी चीजों या घटनाओं से यथासंभव दूर ही रहें। पेट की समस्या के लिए तेल-मसाला बंद करें और रोज टहलने की आदत बनाएं।

० सुबह-शाम गर्म पानी लेता हूं। भोजन भी सादा है। पाइल्स से परेशान हूं।

- शौच जाते समय जोर न लगाएं। साफ्टोबैक पाउडर दो चम्मच रात में गुनगुने पानी के साथ लें।

० बड़ी आंत में दिक्कत है। शौच ठीक से नहीं हो रहा।

- क्रीमाफेट सीरप दो चम्मच सुबह-शाम लें। ज्यादा लैट्रिन होने पर इसे एक बार ही लें।

० लिवर में भारीपन है। फैटी लिवर है ग्रेड-वन है।

- इसी वजह से भारीपन है। वजन कम करें। तेल-मसाले से परहेज करें। एलएफटी नार्मल है तो फाइब्रोस्कैन कराएं। इससे पता चलेगा कि लिवर की स्थिति क्या है।

० मल के साथ चिकनाइयुक्त द्रव निकलता है।

- यह म्यूकस है। मेट्रोजिल 400 एमएल सुबह-शाम पांच दिन लें।

०- गैस की समस्या के साथ बैक्टीरिया की समस्या भी है।

- इसमें जांच करानी होगी। बैक्टीरिया के हिसाब से दवा चलती है। पानी अधिक पियें। एल्कासोल सीरप दिन में एक बार लें और पैन-डी एक गोली सुबह लें। ठीक हो जाएगा।

० बेटे को खूब गैस बनती है। कब्ज की समस्या है।

- लूज सीरप 10 से 15 एमएल रोजाना रात में दें।

० पेट साफ नहीं रहता। मुंह में छाले निकल आएं हैं।

- बीकोसूल जिंक वाला रोज एक लें। वहीं रात में सोने से पहले दो चम्मच ईसबगोल की भूसी गुनगुने पानी से लें।

० खाना जल्दी नहीं पचता है।

- ए-जार प्लस खाना खाने के 15-20 मिनट पहले दो गोली लें। यह पाचन क्रिया को ठीक करेगा।

०- दादी का पेट हमेशा फूला रहता है। अल्ट्रासाउंड में भी कुछ नहीं निकला।

- उन्हें दूध न दें। ओएफटी एक गोली सुबह-शाम पांच दिन तक दें। आराम मिलेगा।

०- दो तीन साल से लैट्रिन टाइट हो रही है।

- साफ्टोबैक दो चम्मच पानी के साथ रात में लें।

० बेटी को गैस बहुत बनती है और डकार भी आती है।

- पेप्टिका एक गोली सुबह-शाम चूसने के लिए दें। तेल-मसाले युक्त भोजन कम से कम दें। यह गैस को कम कर देगा।

० दुर्घटना में कमर के नीचे सारा फंक्शन रूक गया था। लैट्रिन होने में परेशानी होती है।  

- क्रीमाफेन प्लस सीरप दो चम्मच सुबह-शाम लें। लैट्रिन न होने पर डोज बढ़ा सकते हैं। वहीं नेक्स प्रो-एल एक गोली रोज सुबह खाली पेट लें।

० लंबे समय से पाइल्स की समस्या से जूझ रही हूं। कच्चा सलाद खाने पर समस्या बढ़ जाती है।

- क्रीमाजेल लगाएं और गुनगुने पानी से सिंकाइ करें। राजो-डी एक गोली रोज, डीवीएन-80 एक गोली सुबह-शाम व रात को सोने से पहले ईसबगोल की भूसी गुनगुने पानी से लें। सामान्य भोजन करें। कच्चा सलाद न लें।

० लैट्रिन साफ नहीं हो रही और गैस भी बनी रहती है।

- ईसबगोल की भूसी रोज रात को सोने से पहले गुनगुने पानी से लें। वहीं नाश्ते से 10-15 मिनट पहले राजो-डी खाली पेट लें। सुर्ती, पान-मसाले का सेवन बंद करें।

इन्होंने पूछे सवाल : अंकित राय-आजमगढ़, केशव-गाजीपुर, अंशुमन मालवीय-वाराणसी, निशा गोस्वामी-वाराणसी, हाकिम सिंह-सोनभद्र, केडी मिश्रा-वाराणसी, सुनील कुमार-आजमगढ़, रमाशंकर खरवर-बलिया, नीलू गुप्ता-वाराणसी, परवीन-मऊ, प्रमिला देवी-वाराणसी, रमेश कुमार-भदोही, आभा तिवारी-जौनपुर, अरविंद सोनकर-आजमगढ़, अरुण कुमार यादव-महाराजगंज, दिलीप श्रीवास्तव-वाराणसी, देवेंद्र दुबे-आजमगढ़, विकास कुमार-वाराणसी, मनीष कुमार वर्मा-चंदौली, अंशुमान देव गुप्ता-वाराणसी, जीएन विश्वकर्मा-जौनपुर, अब्दुल गफ्फार-वाराणसी, शुभम ङ्क्षसह-गाजीपुर, सोहनलाल-ओबरा, रमेश यादव-चंदौली, विनोद कुमार -बलिया, विजय लक्ष्मी-गाजीपुर, रमाशंकर-गाजीपुर सहित अनेक पाठकों ने मिलती-जुलती समस्याओं पर आधारित प्रश्न पूछे।

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